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Search Result : " तीन तलाक"

एक साथ तीन तलाक का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी सरकार

एक साथ तीन तलाक का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी सरकार

केंद्र सरकार महिला अधिकारों के आधार पर एक साथ तीन तलाक की व्यवस्था का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी और इस बात पर जोर देगी कि इस मुद्दे को समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
जावेद अख्‍तर बोले, पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिमों का सबसे बड़ा दुश्‍मन

जावेद अख्‍तर बोले, पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिमों का सबसे बड़ा दुश्‍मन

तीन तलाक के मुद्दे पर मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर सीधा हमला किया है। अख्तर ने कहा कि मैं पर्सनल लॉ बोर्ड की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान लॉ बोर्ड ने हलफनामा देकर तीन तलाक को जायज ठहराते हुए कहा था कि कोर्ट पर्सनल लॉ बोर्ड के मामले में दखल नहीं दे सकता है।
फतवा : शौहर ठीक नहीं तो औरत भी दे सकती है तलाक

फतवा : शौहर ठीक नहीं तो औरत भी दे सकती है तलाक

अगर किसी मुस्लिम महिला का पति शराबी है और उसमें कमियां है। वह बीमार या अक्षम है तो मुस्लिम महिला अपने पति को तलाक दे सकती है। लेकिन इसकी शर्त यह है कि वह निकाह के दौरान अपने पति से इस तरह का करारनामा कर लिया हो। शरीयत के हवाले से दरगाह आला हजरत दारुल इफ्ता मंजरे इस्लाम के मुफ्ती सलीम नूरी ने हाल ही में एक फतवा जारी कर यह बात साफ की है और तफवीजे़ तलाक कहे जाने वाले इस हक की शर्तें भी बतायी हैं। अब तक यही आम धारणा थी कि तलाक का हक सिर्फ पति को है महिला तलाक नहीं दे सकती।
कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
तीन बार तलाक बोल कर संबंध तोड़ने को संविधान की कसौटी पर कसा जाए : न्‍यायालय

तीन बार तलाक बोल कर संबंध तोड़ने को संविधान की कसौटी पर कसा जाए : न्‍यायालय

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि मुस्लिम समुदाय में तीन बार तलाक बोल कर वैवाहिक संबंध तोड़ना एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है, जो लोगों के एक बड़े तबके को प्रभावित करता है। इसे संवैधानिक ढांचे की कसौटी पर कसे जाने की जरूरत है। न्यायालय ने पसर्नल लाॅ के मुद्दे की जांच करने पर सहमति जताते हुए यह विचार व्‍यक्‍त किए।
निजाम वाले बयान पर भाजपा शिवसेना पर बिफरी, तलाक लेने की चुनौती दे डाली

निजाम वाले बयान पर भाजपा शिवसेना पर बिफरी, तलाक लेने की चुनौती दे डाली

मोदी सरकार निजाम सरकार से भी बुरी है। शिवसेना राउत संजय राउत के इस बयान पर शिवसेना और भाजपा के बीच लड़ाई शुरु हो गई है। भाजपा के एक प्रकाशन में प्रकाशित अपने लेख में एक भाजपा नेता ने उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना को यहां तक इस मसले पर तलाक लेने की चुनौती भी दे डाली है। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रकाशन मनोगत में पार्टी के महाराष्ट्र प्रवक्ता माधव भंडारी ने आप तलाक कब ले रहे हैं, श्रीमान राउत नामक शीर्षक से एक लेख लिखा है। जिसमें संजय राउत पर निशाना साधा गया है।
एक साथ तीन तलाक के पक्ष में नहीं इस्लामी जानकार

एक साथ तीन तलाक के पक्ष में नहीं इस्लामी जानकार

एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर संशोधन की मांग को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भले ही खारिज कर दिया हो, लेकिन इस्लामी जानकारों का कहना है कि तलाक की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है क्योंकि यह कुरान और इस्लाम के मुताबिक नहीं है।
बीएमएमए ने तीन तलाक खत्म करने में महिला आयोग का सहयोग मांगा

बीएमएमए ने तीन तलाक खत्म करने में महिला आयोग का सहयोग मांगा

मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की पैरवी करने वाले एक संगठन ने एक साथ तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म करने के लिए राष्टीय महिला आयोग का सहयोग मांगा है।
तलाक और बहुविवाह की व्यवस्था में सुधार की पहल करें उलेमा: मुशावरत

तलाक और बहुविवाह की व्यवस्था में सुधार की पहल करें उलेमा: मुशावरत

एक साथ तीन बार तलाक कह कर तलाक देने और बहुविवाह पर रोक लगाने की बहस के बीच देश के कई मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत ने इसमें सुधार के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उलेमाओं से पहल करने की अपील की है। हालांकि मुशावरत ने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें सरकार और अदालतों का कोई दखल नहीं होना चाहिए।
पर्सनल लॉ पर समिति की रिपोर्ट दाखिल करे केंद्रः सुप्रीम कोर्ट

पर्सनल लॉ पर समिति की रिपोर्ट दाखिल करे केंद्रः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र से उस समिति की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसका गठन मुस्लिमों सहित विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों के विवाह, तलाक और संरक्षण से संबंधित पर्सनल लॉ के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए किया गया था।
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