रविवार को प. बंगाल के सात जगहों- बुनियादपुर, धूपगुड़ी, दुर्गापुर, हल्दिया, पांसकुरा, कूपर्स कैम्प और नैहाटी में हुए निकाय चुनाव में भ्ााजपा को करारा झटका लगा है।
पहले टेस्ट में शानदार जीत से उत्साहित भारतीय टीम शनिवार से जमैका में शुरू हो रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में अनुभवहीन वेस्टइंडीज टीम पर अपना दबदबा बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी।
नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में अब संघ और संघ की विचारधारा से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा जमावड़ा हो गया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सीधे तौर से जुड़े 13 तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े 7 लोग इस समय मंत्रिमंडल में हैं।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में वामपंथियों का दबदबा इस बार भी कायम रहा है। पहली बार अध्यक्ष पद पर सीपीआई समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) का उम्मीदवार जीता है लेकिन 14 साल बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी जेएनयूएसयू सेंट्रल पैनल में वापसी करने में कामयाब रही। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में सभी सीटों पर जीतने वाली एबीवीपी के लिए यह एक बड़ी सफलता है। हालांकि, जेएनयू अभी भी लेफ्ट का गढ़ है लेकिन एबीवीपी का असर बढ़ रहा है।
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांज्लादेश के आखिरी दौर तक प्रतियोगिता में बने रहने से बढ़ा क्रिकेट का रोमांच। क्रिकेट पंडित तो यहां तक मानने लगे हैं कि विश्व कप एक बार फिर दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ही और विशेषकर भारत में ही रह जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि दक्षिण एशियाई देशों को विश्व कप में बनाए रखने की कहीं यह सोची-समझी रणनीति तो नहीं है? बहुत हद तक इस बात की पुष्टि सिडॉन पार्क के क्यूरेटर कार्ल जॉनसन ने यह कहकर कर दी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की खास हिदायत पर विश्व कप में सपाट पिचें बनाई जा रही हैं।