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पेरिस में आतंकियों का कहर.  कम से कम 128 मरे

पेरिस में आतंकियों का कहर. कम से कम 128 मरे

एक साल से कम समय के अंदर फ्रांस दूसरी बार बड़े आतंकी हमले की जद में आ गया है। शुक्रवार की रात पेरिस में कम से कम छह स्थानों पर हुई गोलीबारी और बम धमाकों में कम से कम 128 लोग मारे गए हैं। हमलों की जिम्मदारी आईएसआईएस ने ली है।
आतंक के मंजर में बदली पेरिस की रंगीन शाम

आतंक के मंजर में बदली पेरिस की रंगीन शाम

स्वचालित राइफलों और विस्फोटकों वाली बेल्ट का इस्तेमाल कर हमलावरों ने राजधानी पेरिस की कम से कम छह जगहों को हत्या के मंजर में तब्दील कर दिया। यह एक आम शुक्रवार की रात थी जो लहूलूहान हो गई। पेरिस के लोगों ने बार-बार इसे जनसंहार का शब्द दिया।
भारतीय राजदूत ने अमेरिका में संभाला प्रभार

भारतीय राजदूत ने अमेरिका में संभाला प्रभार

अमेरिका में भारत के नए राजदूत अरूण कुमार सिंह ने अपने दस्तावेजों की प्रतियां विदेश मंत्रालय के चीफ ऑफ प्रोटोकॉल के कार्यालय में पेश करने के बाद औपचारिक तौर पर अपना पदभार संभाल लिया।
विश्व बैंक ने नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया

विश्व बैंक ने नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया

भूकंप से प्रभावित नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हुए विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा है कि बैंक नुकसान का आकलन करने एवं पुनर्निर्माण के कार्य में नेपाल की मदद करेगा।
मोदी : जलवायु परिवर्तन, सम्मेलन का एजेंडा तय करेगा भारत

मोदी : जलवायु परिवर्तन, सम्मेलन का एजेंडा तय करेगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सबसे कम प्रति व्यक्ति गैस उत्सर्जन के बावजूद ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भारत से सवाल करने पर विकसित देशों को आड़े हाथ लिया और कहा कि भारत सितंबर में फ्रांस में होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए एजेंडा तय करेगा।
मोदी की दीवानी मल्लिका

मोदी की दीवानी मल्लिका

मल्लिका शेरावत को यूनेस्को की ओर से भाषण सुनने का न्यौता आया है। न्यौता ऐसा वैसा नहीं है। भारत के प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी पेरिस में संबोधित करने जा रहे है और उनकी दीवानी मल्लिका सुनने।
कहाँ गए हमारे कार्टून?

कहाँ गए हमारे कार्टून?

कार्टून पर हमले भलेही यूरोपीय देशों में हो रहे हों, लेकिन अपने देश में वह पहले ही मरणासन्न हालत में है. साढ़े तीन दशक पहले जब हमने पत्रकारिता में कदम रखा था तब लगभग हर अखबार में कार्टून छपा करते थे, उन पर चर्चा हुआ करती थी, नामी कार्टूनिस्ट हुआ करते थे. हिन्दी अखबार, जिनकी अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती थी, वहाँ भी दो-दो कार्टूनिस्ट होते थे.
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