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मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

हस्तकला क्षेत्र में भारतीय मुसलमानों का अपना विशेष स्थान है लेकिन वक्त के साथ-साथ शहरीकरण समेत अनेक वजहों के चलते मुसलमान हस्तकला और कुटीर उद्योगों से किनारा कर रहे हैं। इन परंपरागत उद्योगों को जिंदा रखने और मुसलमानों में विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए ‘दि मुस्लिम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुसलमानों की व्यापारिक गतिविधियों विशेष रूप से परंपरागत कला संबंधी लघु उद्योगों को मजबूत करना है।
कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
भारत के हिंदू गंदेः मलेशियाई विश्वविद्यालय

भारत के हिंदू गंदेः मलेशियाई विश्वविद्यालय

मलेशिया के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने अपने एक अध्यापन मोड्यूल में भारत में हिंदुओं को अस्वच्छ एवं गंदे के रूप में पेश किया है जिसके बाद इस मुस्लिम बहुल देश में विवाद खड़ा हो गया है और अल्पसंख्यक समुदाय में आक्रोश फैल गया है।
भाजपा सांसद हुकुम ‌सिंह का कैराना प्रकरण पर यू-टर्न

भाजपा सांसद हुकुम ‌सिंह का कैराना प्रकरण पर यू-टर्न

भाजपा सांसद हुकुम सिंह अब अपने ही बयान से पलट गए हैं। हुकुम सिंह का कहना है कि कैराना में जो लोग पलायन कर रहे हैं वह हिंदू और मुस्लिम दोनों हैं। पहले सिंह ने कहा था कि मुस्लिमों के डर से कैराना से हिंदू पलायन कर रहे हैं और इसकी सूची भी उन्होने जारी की थी।
देवबंदी- बरेलवी मसलक को साथ लाने की पहल

देवबंदी- बरेलवी मसलक को साथ लाने की पहल

कौम की समस्याओं को सुलझाने के लिए मुसलमानों के दो सबसे प्रभावशाली और परस्पर विरोधी माने जाने वाले देवबंदी और बरेलवी मसलकों के लोगों को एक मंच पर लाकर आतंकवाद के आरोप में मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारी और मुसलमानों से जुड़ी अन्य तमाम समस्याओं को सुलझाने के लिए न्यूनतम साझा एजेंडा बनाने की पहल की गई है।
आतंकवाद के खिलाफ विशाल सूफ़ी सुन्नी सम्मेलन कल

आतंकवाद के खिलाफ विशाल सूफ़ी सुन्नी सम्मेलन कल

भारत के सुन्नी सूफ़ी मुसलमानों की प्रतिनिधि सभा ऑल इंडिया तंज़ीम उलेमा ए इस्लाम और मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया इस शुक्रवार यानी 4 मार्च दोपहर 3 बजे से जयपुर के रामलीला मैदान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है जिसमें देश में अलगाववादी विचारधारा के प्रसार और आतंकवाद के विरुद्ध जनमानस बनाने की रूपरेखा तैयार होगी।
आगरा में मुस्लिम विरोधी बयानों के खिलाफ आवाज बुलंद

आगरा में मुस्लिम विरोधी बयानों के खिलाफ आवाज बुलंद

संसद के गलियारों से लेकर सड़क तक भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं द्वारा दिए गए अल्पसंख्यकों पर हिंसा करने वाले वक्तव्यों की आलोचना
'हम बाइचांस इंडियन नहीं बल्कि बाइच्वाइस इंडियन हैं'

'हम बाइचांस इंडियन नहीं बल्कि बाइच्वाइस इंडियन हैं'

जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी ने कहा है कि मुसलमान बाइचांस इंडियन नहीं बल्कि बाइच्वाइस इंडियन हैं और वतन से प्यार था इसलिए वे भारत में रुके। मदनी ने यह बातें मेरठ में आयोजित हुसूले इंसाफ सम्मेलन में बोलीं।
मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारियां बंद होः मुस्लिम संगठन

मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारियां बंद होः मुस्लिम संगठन

‘ जब देश के गृहमंत्री दुनिया के सामने कहते हैं कि आईएस भारत में कभी अपनी जड़े नहीं जमा सकता क्योंकि भारतीय मुसलमान उसे पनपने ही नहीं देंगे तब लगातार मुसलमान नौजवानों को आईएस और अलकायदा से ताल्लुक रखने के आरोप में गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है? क्या यह मुसलमानों को डराने की साजिश नहीं, इससे मुल्क का माहौल नहीं बिगड़ेगा?’ दिल्ली में देश के तमाम बड़े मुस्लिम सगंठनों ने एक प्रैस वार्ता में यह सवाल पूछा।
दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट ने दूसरे वर्गों के मुकाबले दलितों और मुसलमानों के शिक्षा, रोजगार एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व में पिछड़े होने का दावा करते हुए शनिवार को कहा कि इस पिछड़ेपन की सबसे बड़ी वजह इन दोनों समुदायों के साथ होने वाला कथित भेदभाव है।