दक्षिण भारत की फिल्मों को उत्तर भारत में भी अच्छा प्रतिसाद मिलने लगा है। दक्षिण की फिल्मों में रोमांच और रोमांस भरपूर होता है। अतिरेक से भरी इन फिल्मों के अब तक बॉलीवुडिया रीमेक बनते थे। पर कुछ समय से इन्हें डब कर उत्तर भारत के सिनेमा घरों में दिखाया जाता है।
अदाकारा अनुष्का शर्मा ने अपने प्रशंसकों के लिए ऑस्कर विजेता गायिका एडीले के मशहूर गीत रोलिंग इन द डीप को अपने अंदाज में पेश किया। अनुष्का ने सांकेतिक रूप से यह भी लिखा कि थॉमस अल्वा एडिसन को भी बल्ब बनाने के लिए बहुत प्रयास करने पड़े थे।
सूचना के अधिकार के तहत मिला नरेंद्र मोदी की सिर्फ दो यात्राओं का आंशिक ब्यौरा। सेशल्स में 1,26,61,928 रुपये (एक करोड़, छब्बीस लाख, 61 हजार 9सौ अठाइस रुपये) और मॉरिशस में 13,792,690 (1करोड़, 37 लाख, 92 हजार, छह सौ नब्बे रुपये खर्च हुए और यह आंशिक खर्च है। आखिर क्यों नहीं दे रहा पीएमओ पूरा ब्यौरा?
ऐसा कम ही होता है कि अमिताभ बच्चन किसी को धमकाएं। लेकिन उन्होंने अनुष्का शर्मा को ट्वीट पर लिखा, 'आप मुझे ब्लॉक करने की जुर्रत मत करना, क्योंकि मेरा ट्वीटर अकाउंट सकारात्मक है।'
किसी भी दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया चीन यात्रा सफल कही जाएगी। इसमें भारतीय इनफ्रॉस्टक्चर क्षेत्र में 10 अरब डॉलर के चीनी निवेश 22 अरब डॉलर के व्यापार समझौतों सहित कई समझौते किए गए।
लोग अपनी गर्लफ्रेंड का किस पाने के लिए क्या-क्या जतन नहीं करते। एक बार उसके अधर चेहरे को छू जाएं इसके लिए नए-नए विचार अपनाते हैं। लेकिन फरहान अख्तर इन सबसे अलग हैं। वह एक कुत्ते को अपने चेहरे की ओर आकर्षित करने के क्या-क्या जतन करते रहे।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर आए खर्च से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं किए जाने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गठित समिति ने सभी मंत्रालयों को इस तरह की जानकारियां उजागर करने और सक्रिय रुप से अपडेट करने निर्देश दिए हैं।
क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।