नीतीश कुमार महागठबंधन की गाठें छुड़ाकर अपने पुराने साथी रहे एनडीए से गठजोड़ कर चुके हैं। सियासी गलियारों में इस घटना ने हलचल तेज कर दी है। अब सवाल उठ रहे हैं कि एनडीए के विरोध में महागठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार एकाएक पाला बदलकर कैसे ‘कमल’ में रंग भरने को तैयार हो गए?
देश के कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। राजस्थान के साथ-साथ गुजरात में भी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इस स्थिति में अब एनडीआरएफ के साथ ही सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों की ओर से करीब 56 घंटे तक चलाए गए ‘ऑपरेशन प्रहार’ में सेना को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इस अभियान में 24 नक्सली मारे गए जबकि 10 के घायल होने की खबर है। इस अभियान में डीआरजी के तीन जवान भी शहीद हो गए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज से कालेधन के खिलाफ एक देश व्यापक ऑपरेशन छेड़ दिया है। ईडी ने देशभर में एक साथ 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी ने 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 100 स्थानों पर छापे मारे। ये वे कंपनियां हैं जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर कालेधन को खपत किया था।
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी तथा समाजवादी नेता डिंपल यादव ने चुनाव आयोग द्वारा यूपी सरकार की समाजवादी ऐंबुलेंस सेवा के 'समाजवादी' शब्द को ढंकने के दिए निर्देश पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2000 के नोट में कमल क्या कर रहा है?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
अंडमान के हैवलाक द़वीप में भारी बारिश और तूफान के चलते करीब 800 पर्यटक फंस गए हैं। उन्हें निकालने के लिए बुधवार को नौसेना के चार पोतों को लगाया गया है। मंगलवार रातभर हुई बारिश ने द्वीप में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है और अंडमान के उत्तरी और मध्य हिस्से में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इन पर्यटकों को बचाने के लिए भारतीय नौ सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नेे कहा है कि नोटबंदी के बाद अब देश में नसबंदी के लिए सख्त कानून बनने की अत्यंत जरूरत है। गिरिराज सिंह बिहार भाजपा के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद नसबंदी की जोरदार ढंग से वकालत की है।गिरिराज बिहार के नवादा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक हैं।
नोटबंदी का सबसे बड़ा असर अब दिहाड़ी मजदूरों पर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नोटबंदी की वजह से कई मजदूर नसबंदी कराने को मजबूर हैं। यहां अब तक 38 मजदूर नसबंदी करा चुके है।