अमरनाथ यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं पर हुए हमले के बाद इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। केन्द्र सरकार को इस मामले पर आड़े हाथों लिया जा रहा है। एक ओर जहां केन्द्र सरकार विपक्षी पार्टियों की आलोचनाओं का शिकार हो रही है, वहीं अब एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी केन्द्र पर सवाल उठाने खड़े कर दिए हैं।
गौ-रक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केवल बातों से काम नहीं चलेगा। हिंसा रोकने के लिए कुछ करना होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार से दो दिनों के गुजरात दौरे पर हैं जहां उन्होंने गौ-रक्षा के नाम पर हो रही हत्यों पर गहरी नाराजगी जतायी थी।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। इस बीच जीजेएम चीफ ने कहा कि हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अगर पुलिस ने हमें रोकने की कोशिश की तो हम मुसीबत पैदा करेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर अपनी चिंता जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का विकास धीमा पड़ने की वजह नोटबंदी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था केवल सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। लाखों नौकरियां खत्म हो रही है और निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है।
ऐसे में जब आईटी सेक्टर में नौकरियों पर संकटर मंडरा राह है तो इन्फोसिस के सह संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति युवा पेशेवरों के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने सुझाव दिया है कि युवा पेशेवरों की नौकरी बचाने के लिए वरिष्ठ साथियों को अपने वेतन में कटौती करनी होगी।
मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने सभी भाजपा नेता सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रोजगार पर बयान दिया है। अमित शाह ने कहा है कि 125 करोड़ लोगों के देश में सभी को नौकरी मुहैया करना संभव नहीं है।