कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर अपने बधाई संदेश में राहुल के दीर्घायु की कामना की है। राहुल गांधी इन दिनों विदेश में अपनी नानी और अन्य संबंधियों के साथ छुट्टियां मना रहे हैं।
डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक एक्टर के तौर पर अपना हुनर दिखाने वाले करण जौहर आज 44 साल के हो गए हैं। करण बॉलीवुड के एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों का निर्माण किया। फिर चाहे बात ‘कुछ कुछ होता है’ की हो या फिर ‘स्टूडेंट ऑफ दि ईयर‘ की हो। करण जौहर ने एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्में निर्देशित की हैं।
तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को समय समय पर इंजरी नहीं होती तो वह देश के सबसे घातक गेंदबाज हो सकते थे। उनकी गति और स्विंग को देखते हुए बल्लेबाज उन्हें हमेशा सतर्क होकर खेलते हैं।
चार्ली की हर फिल्म में आपको एक गंभीर डिबेट दिख जाएगी। 'द डिक्टेटर' में चार्ली का दिया गया लास्ट भाषण ही सुन लीजिए। मानवता के प्रति प्रेम, युद्ध-गुस्सा, मशीनीकरण पर मानव की विजय का कितना गंभीर फोटो खिंचते हैं चार्ली
विद्या बालन के खाते में एक हिट का काफी दिन से सूखा है। बेगम जान को देख कर लगता है कि यह सूखा अभी लंबा चलेगा। दर्जनों कलाकारों, विद्या की बिल्लौरी आंखों और देशभक्ति टाइप माहौल के बावजूद यह फिल्म अंत में लंबी गहरी ऊब के सिवाय कुछ नहीं देती।
भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश और मुकेश भट्ट ने इस बार श्रीजीत मुखर्जी को उन्हीं की फिल्म 'राजकहिनी' हिंदी में बनाने की जिम्मेदारी दी थी, जो उन्होंने ‘बेगम जान’ बनाकर पूरी कर ली है। बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ वर्ष 2015 में रिलीज हुई थी। हिंदी सिनेमा ने इससे पहले भी कई भारतीय भाषाओं की हिट फिल्मों का रिमेक किया है।
बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान ने आज अपने 52वें जन्मदिन पर कहा कि वह राजनीति में कभी नहीं आएंगे, लेकिन जरूरी मुद्दों पर अपनी राय हमेशा रखते रहेंगे।
कहानी फिल्म विद्या बालन के करिअर की अभी तक की फिल्मों में उम्दा फिल्म है। अब उसी सफलता को लेकर कहानी 2 आई है। कहानी 2 का कहानी फिल्म से कोई कनेक्शन नहीं है। कहानी भी सस्पेंस फिल्म थी और कहानी 2 भी शानदार थ्रिलर है। कहानी की तरह ही कहानी 2 पर भी निर्देशक सुजॉय घोष ने पकड़ ढीली नहीं पड़ने दी है।
अमिताभ बच्चन के बारे में अब क्या कहा जाए, समझ में नहीं आता। जैसे-जैसे वह उम्रदराज हो रहे हैं। उनमें एक नई आभा दिख रही है। शायद यह उनके अथक और अनवरत परिश्रम का नतीजा है। लिहाजा अगर हम कहें कि चलते रहने का नाम अमिताभ है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।