समाजवादी पार्टी का नियंत्रण अपने हाथों मे लेने की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिश की पृष्ठभूमि में पार्टी अध्यक्ष के वफादार यह सुनिश्चित करने के लिए सोमवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र होना शुरू हुए ताकि साइकिल चुनाव प्रतीक मुलायम सिंह यादव के पास ही रहे।
सपा के साइकिल चुनाव चिह्न पर दावे को लेकर प्रतिद्वंद्वी खेमों के निर्वाचन आयोग के पास पहुंचने की योजना के साथ ही यादव कुनबे की लड़ाई आज दिल्ली पहुंच गई। इस बीच सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनके द्वारा पांच जनवरी को आहूत पार्टी अधिवेशन स्थगित कर दिया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बसपा के हाथी को धन खाने वाला और सपा की साइकिल को पंक्चर बताते हुए तकदीर बदलने के लिए जनता से हाथ का साथ देने को कहा।
देशवासियों को अंगदान के लिए प्रेरित करने के इरादे से चार विभिन्न क्षेत्राें में परास्नातक युवक अपने काम-धंधे छोड़कर साइकिलों पर 4500 किमी की यात्रा पर निकलेंगे। उनकी यह यात्रा 17 जून को कन्याकुमारी से शुरू होगी और 50 दिन बाद 6 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस के मौके पर लेह में समाप्त हो जाएगी। इनमें से तीन युवक अलग-अलग वर्गाें में राष्ट्रीय स्तर के एथलीट रहे हैं।
बिहार चुनाव में समाजवादी पार्टी और पैंथर्स पार्टी दुविधा में पड़ गई हैं जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना की मुश्किल भी चुनाव चिह्न को लेकर ही है। दरअसल, चुनाव आयोग ने सपा और पैंथर्स पार्टी को साइकिल पर ही चुनाव लड़ने की अनुमति दी है जबकि झामुमो और शिवसेना तीर-कमान लेकर एक-दूसरे के आमने-सामने टकरा रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पंजीकृत गैर मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों को इस बार दिलचस्प चुनाव चिह्न आवंटित किए गए हैं जिनमें हरी मिर्च, फूलगोभी, टेलीफोन, जूता, चप्पल, आईसक्रीम, बाल्टी आदि शामिल हैं।