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रियल एस्टेट कारोबारियों को कराना होगा पंजीकरण

रियल एस्टेट कारोबारियों को कराना होगा पंजीकरण

पहली मई से देश में रियल एस्टेट कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद तीन माह के भीतर सभी रियल एस्टेट कारोबारियों को रिय एस्टेट रेगुलेटर्स के पास अपना पंजीकरण कराना होगा। अन्यथा कानूनी कारवाई के लिए तैयार रहें।
ओलंपिक तैयारियों से बाहर किए जाने को सुशील कुमार ने सही ठहराया

ओलंपिक तैयारियों से बाहर किए जाने को सुशील कुमार ने सही ठहराया

भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने ओलंपिक तैयारियों से बाहर किए जाने के कदम को सही ठहराया है। टारगेट ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) योजना से बाहर किये गये ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार ने गुरुवार को कहा कि जब वह खेल से ही बाहर हैं तो सरकार से धनराशि लेने का कोई मतलब नहीं था। सुशील के अलावा लंदन ओलंपिक के कांस्य पदकधारी योगेश्वर दत्त को भी योजना से बाहर कर दिया है। फोगाट बहनें -गीता और बबीता- को भी इसमें जगह नहीं दी गयी।
'कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता'

'कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता'

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि केंद्र सरकार अपनी कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं कर सकती। मुख्‍य न्‍यायाधीश जेएस खेहर की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता। लेकिन, इसे गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
नदियों को बांधे-जोड़े बिना बाढ़-सूखे से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत

नदियों को बांधे-जोड़े बिना बाढ़-सूखे से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत

गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी जैसी नदियों की अविरल धारा और निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए जल विशेषज्ञों ने तालाबों, छोटी नदियों को बचाने के कार्य से ग्राम पंचायतों को जोड़ने तथा नदियों को बांधे और जोड़े बिना बाढ़ और सूखे जैसी स्थिति से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत बतायी है।
‘ऊंची जाति के जज दलित जज से पाना चाहते हैं छुटकारा’

‘ऊंची जाति के जज दलित जज से पाना चाहते हैं छुटकारा’

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अदालत की अवमानना का नोटिस मिलने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने सर्वोच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज को नोटिस थमाने के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। साथ ही उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया है कि ऊंची जाति के जज, एक दलित जज से छुटकारा पाने के लिए अपने अधिकारों का नाजायज़ इस्तेमाल कर रहे हैं।
केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

राजग सरकार की महत्वाकांक्षी 9,393 करोड़ रूपये की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के 2017 की पहली तीमाही से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है और इस परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़ रहे हैं मदरसे

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़ रहे हैं मदरसे

देश में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के मकसद से चलाई जा रही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से अब देश के मदरसे भी बड़े पैमाने पर जुड़ रहे हैं ताकि इनमें पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य संवर सके।
कार्यवाही की पक्षपातपूर्ण रिकॉर्डिंग बहुत बड़ा अन्याय है: उच्च न्यायालय

कार्यवाही की पक्षपातपूर्ण रिकॉर्डिंग बहुत बड़ा अन्याय है: उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग ईमानदारी और निष्पक्षता से नहीं करने वाला न्यायाधीश वादियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करता है। न्यायालय ने यह टिप्पणी भ्रष्टाचार के एक मामले को एक निचली अदालत से दूसरी में स्थानांतरित करते हुए यह टिप्पणी की।
जस्टिस ठाकुर ने हाई कोर्ट के जजों के तबादलों पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

जस्टिस ठाकुर ने हाई कोर्ट के जजों के तबादलों पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार काे केन्द्र सरकार से सवाल किया कि कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों का तबादला क्यों नहीं कर रही है। न्यायालय ने लंबित तबादलों के बारे में विस्तार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी केन्द्र को दिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
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