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भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी

भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी

पिछले दिनों मणिपुर में भारतीय सेना के 18 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर मार डाला। यह कार्रवाई म्यांमार की सेना के सहयोग से चलाई गई।
बल्लभगढ़ में घर वापसी करने लगे दंगा पीड़ित

बल्लभगढ़ में घर वापसी करने लगे दंगा पीड़ित

दस दिनों से बल्लभगढ़ के अटाली गांव में चला आ रहा विवाद अब शांत पड़ चुका है। बल्लभगढ़ में दंगा पीड़ितों के लिए बने शिविर से लोग बसों में बैठकर अपने गांव लौट चुके हैं। जिस धार्मिक स्‍थल को क्षतिग्रस्त करने को लेकर विवाद था, अब उस पर भी समझौता हो गया है।
मणिपुर में सेना पर ग्रेनेड हमला, 20 जवान शहीद

मणिपुर में सेना पर ग्रेनेड हमला, 20 जवान शहीद

इंफाल से 80 किलोमीटर दूर तेंगनॉपाल-न्यू समतल रोड पर जब 6 डोगरा रेजिमेंट के जवान नियमित गश्त लगा रहे थे तभी एक अज्ञात उग्रवाद समूह ने उन पर हमला कर दिया। हमले में 20 जवान शहीद हो गए जबकि 11 जवान घायल हो गए।
अटाली में हिंसा से पलायन को मजबूर अल्‍पसंख्‍यक

अटाली में हिंसा से पलायन को मजबूर अल्‍पसंख्‍यक

देश के अल्पसंख्यकों को वे स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं। इसके लिए तरीके अलग-अलग अपनाए जा रहे हैं। निशाने पर उनका धर्म है और हमले लगातार उनकी लगातार धार्मिक संस्थाओं पर हो रहे हैं। खान-पान, रहन सहन, पहनावे पर बहुसंख्यकवाद का आतंकी डंडा बज रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त निर्णायक कार्रवाई की कोई नजीर नहीं दिखाई दे रही। लिहाजा हमलावरों के मंसूबे परवान चढ़े हुए हैं। देश की राजधानी दिल्ली से महज 30-40 किलोमीटर दूर हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वारदात में जिस तरह से एकतरफा मुसलमानों को निशाने पर लिया गया, उनके घरों में आग लगाई गई, पुलिस की तैनाती के बीच कुल्हाड़ी से 60 वर्षीय हसन मोहम्मद पर हमला किया गया, उससे साफ है कि नफरत का यह चक्र लंबा चलेगा। अल्पसंख्यकों को सबक सिखाने की मानसिकता जोरों पर है।
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