लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
केंद्र की मोदी सरकार और उसके सक्रिय रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवेे को फायदा नहीं पहुंचा पा रहे हैं। रेलवे को तरक्की पर लाना तो दूर की बात प्रभुु के कार्यकाल में रेलवे की वित्तीय हालत लगातार खराब हो रही है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालेंंगे तो आपको आश्चर्यजनक परिणाम मिलेंंगे। हाल ही में रेलवे में किराया भी बढ़ा है इसके बाद भी रेलवे को नुकसान हुआ है।
देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मेजबानी करने वाला भारत पाकिस्तान से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेेकर इस दौरान भी उसके खिलाफ अपनी राजनयिक आक्रामकता जारी रख सकता है। पांच देशों वाले ब्रिक्स समूह का यह शिखर सम्मेलन गोवा में रविवार को आयोजित होगा।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में कल पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरेस को औपचारिक तौर पर वैश्विक संस्था का अगला महासचिव नियुक्त किया जाएगा। गुटेरेस वर्तमान महासचिव बान की मून की जगह लेंगे।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा कि भारत में एक अरब डॉलर की लागत वाली महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत ग्रामीण स्वच्छता परियोजना मिस्र के इसी तरह के एक सफल कार्यक्रम की तर्ज पर है और यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ परिपाटियों को साझा करने का एक उदाहरण है।
स्वचालन :आॅटोमेशन: के बढ़ते उपयोग से बड़े पैमाने पर रोजगार जा सकते हैं। विश्वबैंक की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत में 69 प्रतिशत और चीन में 77 प्रतिशत रोजगार को खतरा है। इसमें कहा गया है कि विकासशील देशों में प्रौद्योगिकी परंपरागत आर्थिक रास्ते के प्रतिरूप को बुनियादी रूप से बाधित कर सकती हैं।