जाति के आधार पर चल रहे भेदभाव पर खेद व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि दलित जाति के जो लोग कुएं खोदते हैं और मूर्तियां बनाते हैं, उन्हें कुएं से पानी पीने एवं मंदिरों में प्रवेश से रोका जाना आज के युग में ठीक नहीं है। लोगों में ऐसी सोच बदलनी चाहिए।
बिहार के गया जिले में कुएं से तेल निकलने का मामला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक रामपुर थाना क्षेत्र के गंगोबिगहा मुहल्ले के लोगों को अचानक जब यह पता चला कि कुएं से पानी की जगह डीजल निकल रहा है। तो वहां सनसनी मच गई।
बिहार के गया में दशरथ मांझी ने पत्नी के समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण पहाड़ काटकर रास्ता बना डाला था तो महाराष्ट्र के विदर्श इलाके में दलित समुदाय के एक पति ने सवर्णों द्वारा अपनी पत्नी को कुएं से पानी नहीं भरने देने के जवाब में कुआं खोद डाला और वह भी सिर्फ 40 दिनों में।
वह कहावत तो सुनी ही होगी, प्यासे कुएं के पास जाते हैं। लेकिन उज्जैन सिंहस्थ में कुआं प्यासों के पास जा रहा है। एक समूह ऐसा भी है जो खोज-खोज कर लोगों को पिला रहा है पानी।