विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी
महाराष्ट्र में विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी चल रही है। यह पहले ही दो प्रमुख बुद्धिवादियों को मौत के घाट उतार चुकी है: अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र दाभोलकर और कम्यूनिस्ट नेता गोविंद पानसरे। तीसरी बलि लेने के लिए कसाई गोडसेवाद अब ठीहे पर डॉ. भारत पाटणकर की गर्दन घसीट लाना चाहता है जो महाराष्ट्र के वैकल्पिक सांस्कृतिक संगठन, विद्रोही सम्मेलन और श्रमिक मुक्ति दल के प्रमुख हैं। विद्रोही सम्मेलन की स्थापना महाराष्ट्र के साहित्य सम्मेलन के समानांतर संगठन के बतौर की गई है। पाटणकर की गर्दन के लिए अपने गंड़ासे की धार सान पर चढ़ाए गोडसेवादियों को मुसलमानों के प्रति कथित नरमी के अलावा सबसे ज्यादा एतराज उनके विद्रोही सम्मेलन का नेतृत्व संभालने पर है।