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ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना वायरस से संक्रमित, दुनिया भर में 16,000 से ज्यादा लोगों की मौत

ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना वायरस से संक्रमित, दुनिया भर में 16,000 से ज्यादा लोगों की मौत

ब्रिटिश मीडिया ने अभी-अभी रिपोर्ट किया है कि प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं।...
कोरोना वायरस से ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी हुए संक्रमित, स्पेन में एक दिन में 738 मौतें

कोरोना वायरस से ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी हुए संक्रमित, स्पेन में एक दिन में 738 मौतें

जानलेवा कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया है। अब ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी इस...
जानें दुनिया के मूक-बधिर लोगों को जुबान देने वाले चार्ल्स मिशेल डे एल एपी के बारे में

जानें दुनिया के मूक-बधिर लोगों को जुबान देने वाले चार्ल्स मिशेल डे एल एपी के बारे में

24 नवंबर यानी दुनियाभर के मूक-बधिर लोगों के लिए बहुत खास दिन। इसी दिन दुनिया तो साइन लैंग्वेज देने वाले...
राजनाथ जाएंगे रूस और अमेरिका, पाक प्रायोजित आतंक होगा मुख्य मुद्दा

राजनाथ जाएंगे रूस और अमेरिका, पाक प्रायोजित आतंक होगा मुख्य मुद्दा

पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे।
प्रिंस चार्ल्स समेत दुनिया दीवानी इन जड़ी-बूटियों की

प्रिंस चार्ल्स समेत दुनिया दीवानी इन जड़ी-बूटियों की

यह 2006 की बात है जब इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स भारत आए। तयशुदा कार्यक्रमों में से प्रिंस के लिए एक मीटिंग बहुत खास थी। वह थी चंडीगढ़ के आयुर्वेदिक डॉक्टर वैद्य मदन गुलाटी से मुलाकात। गुलाटी यूटी प्रशासन के आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक भी थे। प्रिंस ने डॉ. गुलाटी और उनकी टीम से आयुर्वेद पर चर्चा की, कुछ अपने सवालों के जवाब पाए। डॉ. गुलाटी ने उन्हें अर्जुन का छाल की चाय भेंट की। उसके बाद प्रिंस के डॉक्टर्स दो दफा भारत आए और जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण लिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शाही घराने समेत, दुनिया की कई नामचीन हस्तियां भारतीय जड़ी-बूटियों पर भरोसा करती है। यहां पाए जाने वाली 3,000 जड़ी-बूटियां और औषधीय गुणों वाले 15,000 पौधे कई बड़ी बीमारियों की अचूक दवा हैं।
चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
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