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कृषि और पशुपालन में परंपरागत तरीकों को साथ लेकर चलने से ही गांवों की समृद्धि-  केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला

कृषि और पशुपालन में परंपरागत तरीकों को साथ लेकर चलने से ही गांवों की समृद्धि- केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला

नई दिल्ली। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा है कि कृषि और पशुपालन...
बुंदेलों के परंपरागत किसानी की जगह औद्यानिक खेती पर जोर देगी योगी सरकार, इन चीजों से चार गुना मुनाफा कमा सकते हैं किसान

बुंदेलों के परंपरागत किसानी की जगह औद्यानिक खेती पर जोर देगी योगी सरकार, इन चीजों से चार गुना मुनाफा कमा सकते हैं किसान

लखनऊ। मौसम की अनिश्चितता और प्राकृतिक रूप से शुष्क इलाका होने के बावजूद बुंदेलखंड रीजन मुख्यमंत्री...
वित्तीय बाजार 2008 के बाद नीति नियामकों के काबू से बाहर निकल गए: सेबी प्रमुख

वित्तीय बाजार 2008 के बाद नीति नियामकों के काबू से बाहर निकल गए: सेबी प्रमुख

वैश्विक स्तर पर वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बेहतर संयोजन पर जोर देते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू के सिन्हा ने आज कहा कि 2008 के ऋण संकट के बाद दुनिया में गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों से बाजार नीति निर्माताओं के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

हस्तकला क्षेत्र में भारतीय मुसलमानों का अपना विशेष स्थान है लेकिन वक्त के साथ-साथ शहरीकरण समेत अनेक वजहों के चलते मुसलमान हस्तकला और कुटीर उद्योगों से किनारा कर रहे हैं। इन परंपरागत उद्योगों को जिंदा रखने और मुसलमानों में विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए ‘दि मुस्लिम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुसलमानों की व्यापारिक गतिविधियों विशेष रूप से परंपरागत कला संबंधी लघु उद्योगों को मजबूत करना है।
बिहार चुनाव में कैसे पलटा भाजपा का अंकगणित

बिहार चुनाव में कैसे पलटा भाजपा का अंकगणित

बिहार चुनाव में क्यों इतनी क्रूरता से पलटा भाजपा का भाग्य। भाजपा के प्रवक्ता और समर्थक महागठबंधन के अंकगणित और विपक्षी एकता को ही बढ़-चढ़कर अपनी हार की मुख्य वजह बताने मे लगे हैं। इस बहस में यह तथ्य बिल्कुल ही नजरअंदाज कर दिया गया कि हाल के चुनाव में भाजपा के परंपरागत मतदाताओं के अच्छे खासे प्रतिशत ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।
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