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Search Result : "विधवा"

22 सालों से विधवा की जिंदगी बिता रही थी पत्नी, अचानक भिक्षा मांगने पहुंचा पति, फिर महिला ने किया ये काम

22 सालों से विधवा की जिंदगी बिता रही थी पत्नी, अचानक भिक्षा मांगने पहुंचा पति, फिर महिला ने किया ये काम

काफी लंबे समय से विधवा की तरह रह रही सपना (काल्‍पनिक) का मन उस दिन खुशी से फूले नहीं समाया, जिस दिन लापता...
22 साल से विधवा की तरह रह रही पत्‍नी से भिक्षा मांगने क्‍यों पहुंचा उदय, पत्‍नी ने रखी शर्त

22 साल से विधवा की तरह रह रही पत्‍नी से भिक्षा मांगने क्‍यों पहुंचा उदय, पत्‍नी ने रखी शर्त

पिछले दो दशक से अधिक से विधवा की तरह रह रही सपना (काल्‍पनिक) का मन खुशी से फूले नहीं समा रहा था। दिन ही...
बेचा जमीर: बेटी के नाम पर पुलिस ने मांगा घूस, तो दिव्यांग मां ने सड़कों पर भीख मांगकर दिए हजारों

बेचा जमीर: बेटी के नाम पर पुलिस ने मांगा घूस, तो दिव्यांग मां ने सड़कों पर भीख मांगकर दिए हजारों

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में विकलांग विधवा मां पिछले एक महीने से अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश में लगी...
उत्तराखंड में टीचर के हंगामे पर बोले हरीश रावत, किसी ने एक विधवा शिक्षिका की बात तक नहीं सुनी

उत्तराखंड में टीचर के हंगामे पर बोले हरीश रावत, किसी ने एक विधवा शिक्षिका की बात तक नहीं सुनी

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने तबादले की फरियाद लेकर पहुंची एक...
परंपराओं को तोड़ फैशन शो में रैंप पर चलीं विधवाएं

परंपराओं को तोड़ फैशन शो में रैंप पर चलीं विधवाएं

एक फैशन शो कार्यक्रम में विधवा महिलाओं ने रैंप पर चलकर उन तमाम बेड़ियों को तोड़ने के संकेत दे दिए जो परंपराओं के नाम पर बरसों से उनके पैरों को जकड़े हुए हैं। इस फैशन शो का आयोजन गैर सरकारी संस्था सुलभ इंटरनेशन ने खास तौर से विधवा महिलाओं के लिए ही किया था।
वन रैंक वन पेंशन सिद्धांतत: मंजूर, विधवाओं को एकमुश्त बकाया

वन रैंक वन पेंशन सिद्धांतत: मंजूर, विधवाओं को एकमुश्त बकाया

मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की मांग मान ली है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को प्रैसवार्ता में इस बात का एलान किया है। इसे एक जुलाई, 2014 से लागू किया जाएगा और इसमें स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले सैनिकों को शामिल नहीं किया गया है।
आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
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