Advertisement

Search Result : "हिजड़ा"

एक किन्नर की जिंदगी के काले सफे

एक किन्नर की जिंदगी के काले सफे

‘उस घटना ने मेरी जिंदगी बदल डाली थी। मैं रोजी रोटी कमाने के लिए वेश्यावृति करने लगी लेकिन बेंगलुरू की उस रात मार्क्स सड़क पर मैं किसी ग्राहक के पास नहीं गई थी बल्कि किसी से मिलने गई थी। स्थानीय पुलिस को आदेश हुए कि इलाके की तमाम वेश्याओं को उठा लिया जाए। मैं सड़क किनारे खड़ी थी। मुझे भी उस रात पुलिस उठा ले गई। थाने में 18 पुलिस वालों और 10 कैदियों के सामने मुझे पूरा नंगा कर दिया गया। पुलिस वालों ने मेरी छातियां दबा-दबा कर देखीं। बोल रहे थे कि मजा कहां से लेती हो? उन्होंने मेरे अंदर डंडे डाले। चीखों के मारे पुलिस स्टेशन हिल गया लेकिन किसी ने मुझपर तरस नहीं किया।
ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

अभी तक वे अधिकार जो समानता देते हैं और मानवाधिकारों को महफूज करते हैं वे महिलाओं और पुरुषों के लिए हैं। उनमें ट्रांसजेंडर कम शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की नालसा जजमेंट के तहत इनके अधिकार परिभाषित किए गए थे लेकिन इनके अनुसार सब कागजों में हैं। वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडर्स के अधिकार सुनिश्चित करता एक निजी बिल भी राज्यसभा में पेश किया था। यह बिल डीएमके के राज्यसभा सदस्य तिरुचि सिवा ने पेश किया था। राज्यसभा ने इसे पारित भी कर दिया था। अब यह बिल लोकसभा में पेश होना है लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय इसके खिलाफ है। कर्नाटक ट्रांसजेंडर समिति के बैनर तले इस बिल के मौजूदा रूप की मुखालफत हो रही है।
आगाज तो अच्छा , अंजाम क्या होगा

आगाज तो अच्छा , अंजाम क्या होगा

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं। हालांकि इनकी गिनती इससे कहीं ज्यादा है। इनके अधिकारों की बात करें तो तमिलनाडु राज्य में इन्हें सबसे अधिक अधिकार प्राप्त हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement