एक किन्नर की जिंदगी के काले सफे
‘उस घटना ने मेरी जिंदगी बदल डाली थी। मैं रोजी रोटी कमाने के लिए वेश्यावृति करने लगी लेकिन बेंगलुरू की उस रात मार्क्स सड़क पर मैं किसी ग्राहक के पास नहीं गई थी बल्कि किसी से मिलने गई थी। स्थानीय पुलिस को आदेश हुए कि इलाके की तमाम वेश्याओं को उठा लिया जाए। मैं सड़क किनारे खड़ी थी। मुझे भी उस रात पुलिस उठा ले गई। थाने में 18 पुलिस वालों और 10 कैदियों के सामने मुझे पूरा नंगा कर दिया गया। पुलिस वालों ने मेरी छातियां दबा-दबा कर देखीं। बोल रहे थे कि मजा कहां से लेती हो? उन्होंने मेरे अंदर डंडे डाले। चीखों के मारे पुलिस स्टेशन हिल गया लेकिन किसी ने मुझपर तरस नहीं किया।