जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में सीमा पार से हुए हमले में मारे गए तीन सैनिकों में एक का शव क्षत-विक्षत किए जाने की घटना पर शहीद लांसनायक हेमराज सिंह की पत्नी धर्मवती ने आज यहां कहा कि अगर सरकार ने दुश्मन को पहली घटना के समय ही कड़ा सबक सिखा दिया होता, तो आज बार-बार यह कहने की जरूरत नहीं पड़ती कि सेना दुश्मन को कड़ा सबक सिखाएगी। वर्ष 2013 में नियंत्रण रेखा पर हेमराज शहीद हुए थे।
देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना शीश कटा डालने वाले उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी शहीद हेमराज का गांव उनकी शहदत के तीन वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। हेमराज के शहीद होने के बाद गांववासियों को उम्मीद थी कि सरकार अब हेमराज के नाम पर गांव में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कर देगी। लेकिन तीन साल के बाद भी नतीजा सिफर रहा। गांव वाले सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के पूरा होने का अब भी इंतजार कर रहेे हैं।