बीसीसीआई ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है औऱ उनके खिलाफ अपनी जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस ने जीसीए अध्यक्ष चेतन देसाई और सचिव विनोद फडके को कोषाध्यक्ष अकबर मुल्ला के साथ 3.13 करोड़ रूपये की कथित हेराफेरी के लिये गिरफ्तार किया था। देसाई और फडके बीसीसीआई समिति के अहम सदस्य भी थे। बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के ने बयान में कहा, मीडिया में ऐसी अनेक रिपोर्ट आयी कि गोवा क्रिकेट संघ के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को जीसीए के फंड में हेराफेरी के कथित गंभीर आरोपों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, इसमें दो सदस्य बीसीसीआई के अधिकारी भी हैं जो बीसीसीआई की महत्वपूर्ण समितियों में राज्य क्रिकेट संघ का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिर्के ने कहा, आरोपों की गंभीरता को देखते हुए बीसीसीआई ने इन आरोपों की जांच कराने का फैसला किया है। शिर्के ने कहा, साथ ही बीसीसीआई के नियमों और संविधान के अंतर्गत गोवा क्रिकेट संघ के सचिव और सचिव के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया कि बोर्ड के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाये? बीसीसीआई ने जीसीए अधिकारियों को अपने जवाब देने के लिये 15 दिन का समय दिया है। जांच पूरी होने तक दोनों अधिकारियों को बीसीसीआई की समितियों से निलंबित रखा जायेगा। निलंबन शनिवार से प्रभावी होगा।