देश के क्रिकेट बोर्ड के साथ वेतन भुगतान के कारण टूर्नामेंट के लिए आने से ही लगभग इनकार कर चुकी कैरेबियाई टीम ने भारत आने के बाद से शानदार प्रदर्शन किया है। ग्रुप चार के अंतिम मैच में हालांकि टीम अफगानिस्तान के खिलाफ उलटफेर का शिकार हो गई थी लेकिन इसके अलावा टीम का प्रदर्शन बेजोड़ रहा है।
दूसरी तरफ इंग्लैंड को महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के अलावा किसी ने टूर्नामेंट से पहले खिताब का दावेदार नहीं बताया था। दोनों टीमों के बीच अधिक अंतर नहीं है और दोनों की नजरें विश्व टी20 खिताब दो बार जीतने वाली पहली टीम बनने पर टिकी है। इंग्लैंड ने 2010 में यह खिताब जीता था जबकि इसके दो साल बाद 2012 में वेस्टइंडीज चैम्पियन बना था।
ईडन गार्डन्स 1987 के बाद पहली बार विश्व कप फाइनल की मेजबानी करेगा। तब माइक गैटिंग की अगुआई वाली इंग्लैंड की टीम को एकदिवसीय विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सात रन से हार का सामना करना पड़ा था। अब 29 साल बाद इंग्लैंड की टीम एक बार फिर इस मैदान पर विश्व टी20 फाइनल खेलेगी और गैटिंग के उस बदनाम रिवर्स स्विप के बुरे सपने से उबरने की कोशिश करेगी।
इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अब तक चार मैच जीते हैं जबकि नौ मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा लेकिन इयोन मोर्गन की धैर्यपूर्ण कप्तानी उसे मजबूत दावेदार बनाती है। वेस्टइंडीज का सफर अब तक बेहतरीन रहा है। टीम के 15 में से 12 सदस्य टूर्नामेंट से ठीक पहले यहां आने के लिए राजी हुए और मैच अभ्यास का टीम को अधिक मौका नहीं मिला।
इस बड़ी प्रतियोगिता से पहले अभ्यास के नाम पर वेस्टइंडीज ने दुबई में आननफानन में आयोजित एक हफ्ते के शिविर में ही हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं, टीम इस टूर्नामेंट में अपने तीन अहम खिलाडि़यों सुनील नारायण, कीरोन पोलार्ड और डेरेन ब्रावो के बिना उतरी है। लेकिन टीम को अधिकांश समय अहम मौकों पर किसी न किसी खिलाड़ी ने उबार दिया। सेमीफाइनल में भारत के खिलाफ लेंडल सिमंस ने तूफानी पारी खेलकर अकेले दम पर टीम को जीत दिला दी। सिमंस को अंतिम समय में आंद्रे फ्लेचर के विकल्प के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। पुरुष टीम ने यह यादगार प्रदर्शन उस समय किया है जब उसकी अंडर 19 टीम कुछ समय पहले विश्व कप जीत चुकी है जबकि सीनियर महिला टीम ने भी महिला विश्व टी20 के फाइनल में जगह बना ली है।
वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी भी कह चुके हैं कि उनके पास 15 मैच विजेता हैं। जिन मैचों में स्टार खिलाड़ी क्रिस गेल नाकाम रहे वहां टीम के लिए जानसन चार्ल्स और सिमंस जैसे खिलाडि़यों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इंग्लैंड भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 230 रन के रिकार्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए दो विकेट से जीत दर्ज करके अपने अभियान को पटरी पर लाया। इस मैच में जो रूट ने 44 गेंद में 83 रन की शानदार पारी खेली।
इंग्लैंड के तीसरे नंबर के बल्लेबाज रूट टूर्नामेंट में अब तक 145 के स्ट्राइक रेट से 195 रन बना चुके हैं और इस टूर्नामेंट में उनसे अधिक रन भारत के विराट कोहली ने ही बनाए हैं। इसके अलावा टीम को जेसन राय और एलेक्स हेल्स की सलामी जोड़ी से एक और तूफानी शुरुआत की उम्मीद होगी। राय ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई जबकि कीवी टीम को टूर्नामेंट की सबसे बेहतर टीम माना जा रहा था। इसके अलावा जोस बटलर की आक्रामक बल्लेबाजी भी टीम के लिए अहम साबित हो सकती है।
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बटलर ने श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंद में नाबाद 66 रन की पारी खेली थी जिससे इंग्लैंड ने चार विकेट पर 171 रन बनाए थे। इसके अलावा न्यूजीलैंड के खिलाफ भी 154 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 17 गेंद में नाबाद 32 रन बनाए थे। इंग्लैंड को साथ ही उम्मीद होगी कि अब तक दो बार पहली गेंद पर शून्य पर आउट हुए कप्तान मोर्गन वेस्टइंडीज के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहेंगे।
वेस्टइंडीज को भी मार्लन सैमुअल्स के फार्म में लौटने की उम्मीद होगी जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 2012 विश्व टी20 के फाइनल में 78 रन की मैच विजयी पारी खेली थी। बड़े शाट खेलने की बात करें तो वेस्टइंडीज के क्रिस गेल का कोई जवाब नहीं है। गेल ने टूर्नामेंट के पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ ही नाबाद 100 रन की पारी खेली थी और एक बार फिर सभी की नजरें रन पर होंगी। यह गेल का अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच भी हो सकता है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    