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भारत की निगाहें न्यूजीलैंड के खिलाफ सुधरे प्रदर्शन पर

भारतीय टीम पिछले मैच में मिली शिकस्त के बाद कल यहां होने वाले न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे एक दिवसीय मुकाबले में तेजी से सुधार कर पटरी पर आना चाहेगी। दिल्ली में मिली छह रन की हार ने भारत को सोच-विचार के लिये काफी कुछ दिया है क्योंकि इससे इस मुकाबले में दिलचस्पी काफी बढ़ गयी है। भारतीय टीम ने एक तरफा टेस्ट सीरीज जीत दर्ज करने के बाद धर्मशाला में हुए पहले वनडे में भी फतह हासिल की थी। दो मैचों के बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं।
भारत की निगाहें न्यूजीलैंड के खिलाफ सुधरे प्रदर्शन पर

न्यूजीलैंड की ओर से देखे तो उन्हें लगातार हार के बाद जीत की दरकार थी। परिणामस्वरूप उन्होंने 13 साल बाद भारतीय सरजमीं पर पहली जीत दर्ज की और यहां पीसीए स्टेडियम में जब मेहमान टीम मैदान में उतरेगी तो वह निश्चित रूप से और हैरानी भरा परिणाम हासिल करने की कोशिश करेगी। वहीं दूसरी ओर भारतीय टीम दिल्ली में 243 रन के लक्ष्य का पीछा करने में मिली विफलता के लिये खुद को ही दोषी ठहरा सकती है क्योंकि उनसे यह स्कोर बिना किसी परेशानी के हासिल करने की उम्मीद थी।

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने अगर अहम मौकों पर आउट होने के बजाय अतिरिक्त 10-15 रन बना लिये होते तो परिणाम कुछ और होता। अजिंक्य रहाणे के पास चोटिल शिखर धवन की अनुपस्थिति में वनडे टीम में अपना स्थान पक्का करने का मौका था, लेकिन वह दोनों ही मैचों में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के साथ असफल रहे। लेकिन वह इन असफलताओं के बाद कुछ रन जुटाना चाहेंगे।

रोहित पिछले मैच में चोटिल हो गये थे पर उनकी चोट की गंभीरता पर कोई खबर नहीं आयी है। चौथे नंबर के खिलाड़ी मनीष पांडे को भी प्रभाव डालना होगा, वह भी अच्छी शुरूआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके। छठे नंबर के केदार जाधव ने अपनी 41 रन की पारी से प्रभावित किया और उन्होंने धोनी के सथ पांचवें विकेट के लिये 66 रन की भागीदारी भी निभायी। अगर वह तीन-चार ओवर तक धोनी के साथ बने रहते तो मैच का नतीजा बदल सकता था।

जाधव को कल एक और मैच मिल सकता है क्योंकि अब तक सुरेश रैना के स्वास्थ्य के बारे में कोई अपडेट नहीं है। ज्यादातर बल्लेबाजों ने पेचीदा हालात से टीम को बाहर निकालने के लिये जरूरी परिपक्वता नहीं दिखायी तो सिर्फ धोनी के ऊपर ही उंगली उठाना सही नहीं होगा जिन्होंने 39 रन की पारी खेली लेकिन टिम साउदी को शानदार रिटर्न कैच देकर पवेलियन लौट गये।

भारतीय कप्तान आने वाले मुकाबलों में अपनी चिरपरिचित अंदाज में कुछ विशेष करने की उम्मीद करेगा क्योंकि इस घरेलू सत्र के दौरान कुछेक ही सीमित ओवर के मुकाबले बचे हैं। दिलचस्प बात है कि यहां तीन साल पहले खेले गये अंतिम वनडे में धोनी ने नाबाद 139 रन बनाये थे लेकिन टीम आस्ट्रेलिया से हार गयी थी। इसके बाद से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शतक नहीं जड़ा है।

भारतीय बल्लेबाजी के स्तंभ विराट कोहली से फिर से इस मैच में शानदार प्रदर्शन की उममीद है, जो पिछले मैच में नौ रन पर आउट हो गये थे। कोहली ने इस मैदान पर 27 मार्च को अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 51 गेंद में 82 रन की पारी खेली थी और अकेले दम पर भारत को विश्व टी20 के सेमीफाइनल में पहुंचाया था। स्थानीय लोग उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद लगायेंगे।

मैच में ओस अहम भूमिका निभा सकती है जैसे कि दिल्ली और धर्मशाला में हुआ था। गेंदबाजों में उमेश यादव और हार्दिक पंड्या ने नयी गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया है। जसप्रीत बुमराह ने भी उनका अच्छा साथ निभाया जिससे धोनी का अंतिम ओवरों में गेंदबाजी का सिरदर्द कम हुआ है।

स्पिनर अमित मिश्रा और अक्षर पटेल ने अपनी भूमिका अच्छी तरह अदा की है, विशेषकर लेग स्पिनर ने दोनों ही मैचों में तीन विकेट हासिल किये। मैच भरतीय समयानुसार दोपहर डेढ़ बजे शुरू होगा।

भाषा

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