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आइपीएल: लंबी रेस के घोड़े!

इंडियन प्रीमियर लीग के अगले संस्करण के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो गई है। कई खिलाड़ी करोड़पति बने,...
आइपीएल: लंबी रेस के घोड़े!

इंडियन प्रीमियर लीग के अगले संस्करण के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो गई है। कई खिलाड़ी करोड़पति बने, कइयों पर लाखों की बोली लगी, तो कई नाम ऑक्शन टेबल पर ही रह गए। मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस ने भले ही ज्यादा सुर्खियां बटोरी हों, मगर इस वर्ष की आइपीएल नीलामी में भी भारतीय घरेलू क्रिकेट के जुगनुओं के नाम रहा।

इस बार भी ऐसे खिलाड़ियों को अवसर मिला, जिन्हें अब तक कोई नहीं जानता है। संभव है, ये नए सितारे समीर रिजवी, शुभम दुबे, रॉबिन मिंज, कुमार कुशाग्र और अर्शिन कुलकर्णी आने वाले समय में क्रिकेट प्रेमियों के दिल पर राज करेंगे। जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, ऋषभ पंत, सूर्य कुमार यादव जैसे खिलाड़ियों के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने में आइपीएल की बड़ी भूमिका रही है। हार्दिक पंड्या, ईशान किशन, रिंकू सिंह, रवि बिश्नोई जैसे खिलाड़ियों की किस्मत आइपीएल के मंच और मिलने वाली धनराशि ने ही बदली। उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों के कस्बों, छोटे शहरों से निकले नए खिलाड़ियों के सपने भी साकार हो सकते हैं।

 

रॉबिन मिंज, (3.6 करोड़ रुपये, गुजरात टाइटंस)

 

 

झारखंड के गुमला जिले के रायडीह प्रखंड के सिलम पांदनटोली गांव के निवासी 21 वर्षीय विकेट कीपर और बाएं हाथ के बल्लेबाज रॉबिन मिंज को गुजरात टाइटंस ने 3.60 करोड़ रुपये में खरीदा है। खबरों के अनुसार, मिंज पहले आदिवासी खिलाड़ी हैं, जिन्हें आइपीएल की किसी टीम में खेलने का मौका मिलने जा रहा है। रॉबिन बीते चार साल से झारखंड टीम के साथ जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्हें कई बार महेंद्र सिंह धोनी से मुलाकात करने और उनसे टिप्स लेने का मौका मिला। साधारण परिवार से आने वाले रॉबिन के पिता जेवियर मिंज सेना से सेवानिवृत्त हैं। फिलहाल वे रांची एयरपोर्ट पर बतौर सिक्योरिटी गार्ड काम करते हैं। झारखंड अंडर-19 ईस्ट जोन टूर्नामेंट में रॉबिन ने मात्र 5 मैचों में 3 शतक लगाए हैं। रॉबिन के पिता बताते हैं कि महेंद्र सिंह धोनी ने उनसे वादा किया था कि अगर उनके बेटे को कोई नहीं खरीदेगा तो सीएसके उसे खरीदेगी।

समीर रिजवी, (8.4 करोड़ रुपये, चेन्नै सुपर किंग्स)

 

गुजरात टाइटंस के साथ लंबे चले बोली युद्ध के बाद पांच बार की चैंपियन चेन्नै सुपर किंग्स ने रिजवी को 8.4 करोड़ रु. में खरीदा। मेरठ में जन्मे समीर रिजवी को राइट हैंडर सुरेश रैना भी कहा जाता है। चेन्नै सुपर किंग्स से जुड़ने के बाद अब सभी को 20 साल के समीर की किस्मत रोशन नजर आ रही है। मगर एक समय था, जब उन्होंने अपने पिता हसीन रिजवी की मर्जी के खिलाफ जाकर क्रिकेट बैट पकड़ा था। इस यात्रा में समीर को अपने मामा तनकीब अख्तर से बहुत मदद मिली। उनके पिता क्रिकेट के इस कदर खिलाफ थे कि उन्होंने तनकीब अख्तर का घर में आना बंद कर दिया था। मगर आज तनकीब और समीर की मेहनत और जिद रंग लाई। इस साल यूपीटी 20 लीग में रिजवी ने 10 मैचों में 50 से ज्यादा के औसत से 455 रन बनाए, जिसमें दो शतक और एक अर्धशतक हैं। 188 से अधिक की स्ट्राइक रेट से उन्होंने रन बनाए। उत्तर प्रदेश के लिए 11 टी 20 में, उन्होंने 49.16 के औसत से दो अर्द्धशतक जमाए और 295 रन बनाए हैं। समीर के पिता की सेहत ठीक नहीं है। 8.4 करोड़ रु. का तोहफा बड़ा शुकून ला सकता है।

शुभम दुबे, (5.8 करोड़ रुपये, राजस्थान रॉयल्स)

दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच उनके लिए जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिली। शुभम का बेस प्राइस 20 लाख रुपये था। मिडिल ऑर्डर के बल्लेाबाज शुभम फिनिशर के रूप में जाने जाते हैं। क्रिकेट एक्सपर्ट्स की भाषा में कहें तो उनमें युवराज सिंह की झलक दिखती है। हाल ही में उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपनी प्रतिभा दिखाई थी। 29 साल के शुभम दुबे ने विदर्भ के लिए केवल सात पारियों में 221 रन बनाकर सुर्खियां बटोरी। टूर्नामेंट में उनका स्ट्राइक रेट 187.28 का था। निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले शुभम का यहां तक का सफर कई बाधाओं से भरा रहा है। ऐसे में दुबे परिवार के लिए इससे बेहतर उपहार दूसरा नहीं हो सकता था। पिछले कुछ समय से उनके पिता बद्रीप्रसाद दुबे के पास कोई काम नहीं है। उनका भाई निजी कंपनी में काम करता है। शुभम का कहना है कि आइपीएल की रकम से निश्चित रूप से उनका जीवन बदल जाएगा।

अर्शिन कुलकर्णी, (20 लाख रुपये, लखनऊ सुपर जायंट्स)

डॉक्टरों के परिवार से आने वाले 18 साल के अर्शिन लंबे-लंबे शॉट लगाने और किफायत के साथ तेज गेंदबाजी करने के कारण इन दिनों चर्चा में हैं। अर्शिन के क्रिकेटर बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य अर्शिन के परिवार में कई डॉक्टर हैं। लेकिन असफल क्रिकेटर उनके पिता अतुल चाहते थे कि बेटा क्रिकेटर बने। पिछले साल अर्शिन वीनू मांकड़ ट्रॉफी में महाराष्ट्र के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इस साल उन्हें वीनू मांकड़ ट्रॉफी नॉकआउट के लिए चुने जाने से पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए महाराष्ट्र की सीनियर टीम में चुना गया था। हाल ही में, वे भारत के अंडर-19 एशिया कप में चार मैचों में 138 रन और चार विकेट के साथ भारत के शीर्ष रन-गेटर के रूप में पहचाने गए। अर्शिन ने 2023-24 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में महाराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने छह मैचों में 121 रन बनाए और चार विकेट भी लिए।

कुमार कुशाग्र, (7.2 करोड़ रुपये, दिल्ली कैपिटल्स)

 

महेन्द्र सिंह धोनी के बाद झारखंड एक बार फिर खेल के नक्शे पर अपना परचम बुलंद करने वाला है। 19 साल के कुमार कुशाग्र को दिल्ली कैपिटल्स ने 7.20 करोड़ रुपये में खरीदा है। कुशाग्र को अपने दल में शामिल करने के लिए गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला। चेन्नै ने भी कुशाग्र को खरीदने की कोशिश की। दिल्ली कैपिटल द्वारा लगाए गए एक कैंप में सौरभ गांगुली ने कुशाग्र को खेलते देखा था और वहीं अपना मन बना लिया था। सौरभ ने कुशाग्र के पिता से उसे टीम में लेने का वादा किया था। चार साल पहले ही 2019-20 में कुशाग्र को सीके नायडू ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भारत की अंडर-19 टीम में चुना गया था। 2020 में वे भारत की अंडर-19 विश्व कप टीम में रिजर्व खिलाड़ी के रूप में शामिल थे। रणजी ट्रॉफी 2022 में नगालैंड के खिलाफ 269 गेंदों पर 266 रन बनाए थे। इसके बाद देवधर ट्रॉफी 2023 में भी जलवा दिखाया। कुछ दमदार पारियों ने कुशाग्र को यहां तक पहुंचाया है।

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