साउथ अफ्रीका में मौजूदा टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद टीम इंडिया की और कप्तान विराट कोहली की लगातार आलोचना हो रही है। दूसरे टेस्ट के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना आपा खोने के लिए भी कोहली पर निशाना साधा जा रहा है।
इसी क्रम में नया नाम जुड़ गया है मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा का। उन्होंने 'द टेलीग्राफ' अखबार में लिए एक लेख में कोहली और बीसीसीआई की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के अधिकारी विराट कोहली को जितना पूजते हैं, उतना तो केंद्र सरकार में कैबिनेट के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नहीं पूजते होंगे।
गुहा क्रिकेट का कामकाज देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर (सीओए) के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने बीसीसीआई की बड़ी गड़बड़ियों का जिक्र करते हुए अपना पद चार महीने में ही छोड़ दिया था।
गुहा लिखते हैं, रवि शास्त्री जैसे कमजोर कोच की कमियां घरेलू मैदानों में हुए मैचों और सीरीज के दौरान छुप गई. लेकिन, अब टीम विदेश दौरे पर है और सच्चाई सबके सामने आने लगी है।'
गुहा ने सीओए प्रमुख विनोद राय के साथ-साथ सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की मौजूदगी वाली सलाहकार समिति को भी नहीं बख्शा। उन्होंने लिखा, 'अनिल कुंबले को हटाकर रवि शास्त्री जैसे साधारण क्रिकेटर को सिर्फ इसलिए टीम इंडिया का कोच बनाया गया क्योंकि इन लोगों ने विराट कोहली के रुतबे के आगे समर्पण कर दिया।'
गुहा ने लिखा, 'मामला चाहे फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) तैयार करने का हो या नेशनल क्रिकेट एकेडमी को चलाने का, विराट की दखल सब जगह है. मौजूदा वक्त में कोचिंग स्टाफ, सेलेक्शन कमेटी और एडमिनिस्ट्रेटर सभी विराट कोहली के आगे बौने हैं।
इन आलोचनाओं के बीच गुहा ने विराट कोहली की तारीफ भी की है। उन्होंने कहा कि विराट निश्चित तौर पर बेहतरीन बल्लेबाज हैं। उन्होंने लिखा, 'विराट मेरी ऑल टाइम ड्रीम इंडियन टीम के सदस्य हैं लेकिन उनका अहंकार टीम के काम नहीं आ रहा, इससे टीम का नुकसान हो रहा है।' उन्होंने कोहली से अपनी एकमात्र मुलाकात का भी जिक्र किया है।