वर्ल्ड कप के 12वें सीजन का फाइनल की चर्चा अब भी जारी है। फाइनल के आखिरी ओवर में इंग्लैंड को ओवरथ्रो के चार रन सहित कुल छह रन देने के मामले पर अब खुद अंपायर ने अपनी बात रखी है। मैरास इरासमस के साथ ऑनफील्ड अंपायर धर्मसेना ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा है कि उनसे गलती हुई थी और वहां पर उन्हें एक रन कम देने चाहिए थे। लॉर्ड्स के मैदान में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में मार्टिन गुप्टिल की थ्रो पर कुमार धर्मसेना ने इंग्लैंड को छह रन दे दिए थे जिसके बाद मैच इंग्लैंड के पक्ष में चला गया था।
वीडियो देखने की सुविधा नहीं थी
1996 में विश्व कप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम के सदस्य रहे कुमार धर्मसेना ने संडे टाइम्स से बात करते हुए कहा कि मैदान में फैसला लेते वक्त उनके पास टेलीविजन का बेनीफिट नहीं था जिसमें यह देखा जा सकता कि बल्लेबाज ने क्रीज पार नहीं की थी। उन्होंने कहा कि उस वाकये को दोबारा टीवी में देखने के बाद मैं ये स्वीकार करता हूं कि मुझसे मैच के दौरान भूल हुई। लेकिन मैच के दौरान मुझे वीडियो देखने की सुविधा हासिल नहीं थी ऐसे में मुझे अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं है।
लेग अंपायर से पूछकर निर्णय दिया था
धर्मसेना ने आगे यह कहा कि मैंने मैदान पर मौजूद अन्य अंपायर से सलाह करने के बाद ही छह रन दिए जाने का इशारा किया था। श्रीलंकाई अंपायर ने कहा कि उन्होंने छह रन देने का फैसला लेग अंपायर मराइस इरासमस से पूछकर दिया था जिसपर मैच अधिकारियों और ने भी साथ दिया था। नियमानुसार वो टीवी रीप्ले को चेक नहीं कर सकते थे उन सभी ने इस बात पर सहमति जताई की खिलाड़ियों ने भागकर दो रन पूरे कर लिए थे। इसके बाद मैंने अपना निर्णय दिया।
पूर्व अंपायर साइमन टफेल ने निर्णय को चूक बताया था
फाइनल मैच के बाद इस विवाद ने तूल पकड़ा तो ऑस्ट्रेलिया के पूर्व अंपायर साइमन टफेल ने फील्ड अंपायर्स के इस निर्णय को बड़ी चूक बताया क्योंकि दोनों बल्लेबाजों ने अपना दूसरा रन पूरा नहीं किया था। हालांकि उन्होंने अंपायरों का बचाव भी यह कहते हुए किया कि ये एक जटिल निर्णय था। उन्होंने ये भी कहा कि ये कहना भी सही नहीं है कि इस निर्णय की वजह से मैच का परिणाम बदल गया। यदि इस गेंद पर पांच रन दिए जाते तो भी अंतिम गेंद पर क्या होता यह कोई नहीं बता सकता।
एमसीसी बदल सकती है नियम
हालांकि इस मामले पर आईसीसी ने कहा था कि अंपायरों ने स्थिति के हिसाब से फैसला लिया था जिसपर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) अपने अगले मीटिंग में ओवरथ्रो के नियम पर चर्चा करते हुए कोई बड़ा फैसला कर सकती है।