रूट ने 44 गेंद में छह चौकों और चार छक्कों की मदद से 83 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका के रन एवरेस्ट को फतह करने में सूत्रधार की भूमिका निभाई। इंग्लैंड ने जीत का लक्ष्य 19.8 ओवर में आठ विकेट खोकर हासिल कर लिया। इससे पहले किंटोन डिकाक, हाशिम अमला और जेपी डुमिनी के अर्धशतकों की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने चार विकेट पर रिकार्ड 229 रन बनाए थे।
इंग्लैंड की यह जीत टी20 क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी और टी20 क्रिकेट की दूसरी सबसे बड़ी जीत है। इससे बड़े लक्ष्य का पीछा करने में वेस्टइंडीज टीम कामयाब रही थी जिसने जनवरी 2015 में जोहानिसबर्ग में छह विकेट पर 236 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका को ही हराया था। विशाल लक्ष्य के जवाब में इंग्लैंड की शुरुआत बहुत आक्रामक रही और तीसरे ही ओवर में उसका स्कोर 48 रन था। सलामी बल्लेबाज जासन राय ने 16 गेंद में पांच चौकों और तीन छक्कों की मदद से 43 रन बनाकर इसकी नींव रखी। एलेक्स हेल्स ने सात गेंद में 17 और बेन स्टोक्स ने नौ गेंद में 15 रन बनाए। इसके बाद रूट ने कमान संभाली।
रूट पारी के 19वें ओवर में छक्का लगाने के प्रयास में रबाडा की गेंद पर सीमा रेखा पर मिलर को कैच दे बैठे। उस समय इंग्लैंड को 10 गेंद में 11 रन की जरूरत थी। अगले ओवर की पहली गेंद पर क्रिस जोर्डन (5) और दूसरी पर डेविड विले (0) आउट हो गए लेकिन मोईन अली ने जीत का रन बनाने की औपचारिकता पूरी की। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के लिए अमला ने 31 गेंद में 58 रन बनाए जबकि डिकाक ने 24 गेंद में 52 रन की पारी खेली। डुमिनी 24 गेंद में 54 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि डेविड मिलर ने 11 गेंद में 24 रन की नाबाद पारी खेली। दोनों ने 27 गेंद की अटूट साझेदारी में 60 रन बनाए। विकेटकीपर बल्लेबाज डिकाक ने अपनी पारी में तीन छक्के और सात चौके लगाए। अमला ने भी 31 गेंद की अपनी पारी में इतने ही चौके छक्के जड़े। दक्षिण अफ्रीका ने सिर्फ 7.1 ओवर में 96 रन बना डाले।
इसके बाद डुमिनी ने तीन छक्के और तीन चौके जड़े। दक्षिण अफ्रीका ने अपना सर्वोच्च और टूर्नामेंट के इतिहास में 200 से अधिक का तीसरा स्कोर बनाया। मिलर ने आखिरी गेंद पर अपनी पारी का दूसरा छक्का लगाया। इंग्लैंड का कोई भी गेंदबाज नहीं चल सका। स्पिनर मोईन अली ने 34 रन देकर दो विकेट लिए जबकि आदिल रशीद ने 35 रन देकर एक विकेट चटकाया।