क्रिकेट के सबसे बड़े मैच फिक्सिंग घोटालों में से एक के प्रमुख आरोपी संजीव चावला शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत द्वारा सुनाई गई अपनी 12 दिन की पुलिस रिमांड को चुनौती देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में पहुंच गए हैं। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सिरोही ने गुरुवार को लंदन से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद आरोपी बुकी को पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
है रैकेट का मुख्य साजिशकर्ता
वह 2000 के मैच फिक्सिंग घोटाले के मुख्य अभियुक्तों में से एक है, जिसमें कथित रूप से दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये भी शामिल थे। इससे पहले कि दिल्ली पुलिस इस मामले में उनसे कोई पूछताछ करती वह यूके भाग गए थे। क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को अदालत को बताया था कि वह रैकेट का मुख्य साजिशकर्ता और किंगपिन है।
गुरुवार सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच प्रत्यर्पित कर भारत लाई थी
इससे पहले गुरुवार सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम करीब 19 साल बाद संजीव चावला को प्रत्यर्पित कर भारत लाई थी। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन का 50 वर्षीय नागरिक चावला सुबह आईजीआई हवाई अड्डे पहुंचा। उसके साथ लंदन से अपराध शाखा के अधिकारियों की एक टीम थी।
दिल्ली का एक कारोबारी था
आपको बता दें चावला दिल्ली का एक कारोबारी था जो 1996 में बिजनस वीजा पर लंदन पहुंचा था। 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था। 2005 में उसे यूके का पासपोर्ट मिल गया और वह अब ब्रिटिश नागरिक है। 2016 में संजीव चावला को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन वहां उसने कोर्ट में अपील कर दी। पिछले महीने उसने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कोर्ट में भी अपील की लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली।
यह था 2000 मैच फिक्सिंग मामला
साल 2000 में 16 फरवरी और 20 मार्च को भारत-दक्षिण अफ्रीका के मैच फिक्स करने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान स्वर्गीय हांसी क्रोन्ये और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों हर्शल गिब्स और निकी बोए के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने पर उनके नाम चार्जशीट से हटा दिए गए थे। हांसी क्रोन्ये के साथ ही सट्टेबाज संजीव चावला, मनमोहन खट्टर, दिल्ली के राजेश कालरा, सुनील दारा और टी सीरीज के मालिक के भाई कृष्ण कुमार को भी आरोपित बनाया गया था। इसके बाद से ही संजीव को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा था।