प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि खेलों को केवल 'टाइम पास' का जरिया समझने की मानसिकता से देश को बहुत नुकसान हुआ है, मगर पिछले आठ वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर खेलों के लिये बेहतर वातावरण बनाने का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने बस्ती जिले में आयोजित 'सांसद खेल महाकुंभ' का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा 'एक वक्त था जब खेलों की गिनती एक पाठ्येतर गतिविधि के तौर पर हुआ करती थी यानी इसे पढ़ाई से अलग केवल टाइम पास का जरिया समझा जाता था।
उन्होंने कहा कि बच्चों को भी यही बताया और सिखाया गया। इससे पीढ़ी दर पीढ़ी एक मानसिकता समाज के अंदर घर कर गई कि खेल इतना जरूरी नहीं है। वह जीवन और भविष्य का हिस्सा नहीं है. इस मानसिकता से देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि कितने ही सामर्थ्यवान युवा, कितनी ही प्रतिभाएं मैदान से दूर रह गई। मगर पिछले आठ वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़ दिया है। खेलों के लिए एक बेहतर वातावरण बनाने का काम किया गया है इसलिए अब ज्यादा बच्चे और नौजवान खेल को कैरियर विकल्प के तौर पर देखने लगे हैं।