इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप में खेले गए मुकाबले में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है। धोनी एक बार फिर मैच के बाद धीमी पारी के लिए दिग्गजों के निशाने पर हैं। लेकिन अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ने कप्तान विराट कोहली का समर्थन हासिल करना जारी रखा। 337 रन का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेहद ही खराब रही और सलामी बल्लेबाज केएल राहुल बिना खाता खोले चलते बने, रोहित शर्मा ने जरूर शतक लगाया।
नासिर हुसैन ने भी उठाए सवाल
अब धोनी की पारी पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने सवाल उठाए हैं। धोनी इस मैच में 31 गेंदों पर 42 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन टीम इंडिया 31 रनों से इस मैच को हार गई थी। 338 के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 50 ओवर में 5 विकेट पर 306 रन ही बना सकी। इस मैच में धोनी की रणनीति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। साथ ही इस पारी के बाद वो सोशल मीडिया के निशाने पर भी आ गए हैं।
जीत के लिए खेलना चाहिए
इस मैच में कॉमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि मेरे पास इसके लिए कोई सफाई नहीं है। आप मुझसे सवाल पूछेंगे लेकिन मैं नहीं बता सकता कि यह एक-एक रन क्यों ले रहे हैं। लेंथ और बाउंस ने भी भारतीय बल्लेबाजों को छकाया है। आप 338 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं और आपके पास पांच विकेट हैं फिर भी आप जीत की कोशिश नहीं करते, यह सब माइंड सेट बताता है। संदेश साफ होना चाहिए, गेंद कहां आ रही है या कहां से आ रही है, यह बात मायने नहीं रखती। आपको इस समय सिर्फ चौके-छक्के चाहिए।
धोनी को लगाने चाहिए थे बड़े शॉट्स
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भी धोनी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से हैरान हूं कि यह चल क्या रहा है। भारत को यह नहीं चाहिए। उन्हें रन चाहिए। वे कर क्या रहे हैं? भारत के कुछ प्रशंसक मैदान छोड़कर जा रहे हैं। निश्चित ही वो धोनी को बड़े शॉट्स लगाते देखना चाहते हैं। यह विश्व कप मैच है। इसकी दो शीर्ष टीमें खेल रही हैं। भारतीय प्रशंसक चाहते हैं कि उनकी टीम कुछ ज्यादा करे। वह चाहते हैं कि उनकी टीम लड़ाई लड़े। जीत के लिए जोखिम ले।
कोहली ने किया धोनी का समर्थन
हालांकि आलोचना के बावजूद कोहली धोनी के बचाव में दृढ़ थे और उन्होंने कहा कि खेल के अंत में विकेट धीमा हो गया जिससे बड़े शॉट काफी मुश्किल हो गए। कोहली ने खेल के बाद कहा, "मुझे लगता है कि एमएस को बाउंड्री पाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही थी, लेकिन ऐसा हो नहीं हो रहा था। वे अच्छे क्षेत्र में गेंदबाजी कर रहे थे और गेंद रुक रही थी, इसलिए अंत तक बल्लेबाजी करना मुश्किल था।"