पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करने वाले 15 साल के सिरिल ने फाइनल के सफर के दौरान नीदरलैंड के नील्स वेन्सत्र, फ्रांस के थामस बारेस, थाईलैंड के कंताफोन वांगचारोन, डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसन, मलेशिया के सतीशथरन आर और थाईलैंड के अदुलराच नामकुल को हराया।
सिरिल को हालांकि फाइनल में कड़े मुकाबले में हुंग ल्यू के खिलाफ 50 मिनट में 21-17, 10-21, 7-21 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। सिरिल इस पदक के साथ ही साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, आरएमवी गुरूसाईदत्त, एचएस प्रणय और समीर वर्मा जैसे खिलाडि़यों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने भारत के लिए जूनियर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीते। इससे पूर्व पिछले महीने सिरिल को निराशा का सामना करना पड़ा था जब साई के कहने पर हुए उनके आयु निर्धारण परीक्षण में राम मनोहर लोहिया के डाक्टरों ने उन्हें अधिक उम्र का घोषित किया था जिसके कारण वह एशियाई जूनियर अंडर 17 और अंडर 15 प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाए थे। बाद में एम्स के डाक्टरों ने इस खिलाड़ी को क्लीयरेंस दी थी।