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"500 सालों के संघर्ष का परिणाम है अयोध्या का राम मंदिर"- विकल्प सिंह

भगवान राम की अयोध्या नगरी सज चुकी और मंगलवार को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही करोड़ों हिंदुओ का...

भगवान राम की अयोध्या नगरी सज चुकी और मंगलवार को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही करोड़ों हिंदुओ का ५०० साल पुराना स्वप्न पूरा होगा। विश्वभर में राम मंदिर के निर्माण को लेकर उत्साह और जोश उमड़ रहा है। इसी कड़ी में युवा कार्यकर्ता विकल्प सिंह ने एक खास बातचीत में हमसे अपने विचार साझा किए। विकल्प ने कहा कि यह है उस भारतीय की जीत है जिसने खुद या उसके पूर्वजों ने राम जन्मभूमि के स्वप्न को जिया और उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। विकल्प ने कहा पिछले ५०० सालों में ७२ बार राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष की लड़ाई लड़नी पड़ी परंतु कभी भी आत्मबल में कमी महसूस नहीं हुई। और अब वह घड़ी आ गई है जिसका हर रामभक्त को बेसब्री से इंतजार था। २२ जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा होने वाली यह स्थापना इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।

इतना ही नहीं, विकल्प ने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि राम मंदिर के संघर्ष में हर पीढ़ी, हर जाती, हर भाषी, महिलाएं, पुरुष सभी ने बराबरी से हिस्सा लिया और अब उनका यह संघर्ष सफ़ल होने के अंतिम चरण पर पहुंच चुका है। वैसे तो राम जन्मभूमि के लिए खड़े हुए जन आंदोलन ने कई राजनीतिक पार्टियों का आह्वाहन किया लेकिन लोगों की धार्मिक भावनाओं और आस्था के साथ बहुत ही कम पार्टियां जुड़ पाई जिनमें से एक थी भारतीय जनता पार्टी। जब से राम मंदिर का मुद्दा मुख्य धारा की राजनीति से जुड़ा तब से ही भाजपा का इस आंदोलन को सफ़ल बनें में बहुत बड़ा हाथ रहा है।

विकल्प ने यह भी कहा कि हिंदुओं के लिए राम जन्मभूमि का ऐतिहासिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व मायने रखता है। सिंह ने कहा कि राम यहां के लोगों के मन और सृष्टि के हर कण में बसते हैं। विकल्प के मुताबिक यह इन्हीं राम भक्तों के दृढ़ संकल्प का परिणाम है कि मंगलवार को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही श्री राम अपनी जन्मभूमि में फिर से विराजमान होने जा रहे हैं। सिंह ने कहा की सरयू नदी के तट के किनारे कई लोगों ने यह सौगंध खाई थी कि वह अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण को अर्पित कर देंगे और इन्हीं लोगों के यह संकल्प का कारण है कि यह स्वप्न अब सच हो चुका है।

परंतु यहां तक पहुंचाने का सफर आसान नहीं था ना जाने कितने ही कारसेवकों ने 1990 में हुए नरसंहार में अपने प्राणों की आहुति दे दी। केवल चंद लोगों की खुशी की खातिर न जाने कितनी ही मांओ ने अपने बेटों को खो दिया और कितने घरों के चिराग भुज गए। इतना सब होने के बावजूद भी देश का हिंदू जुड़ा रहा व राम मंदिर के स्वप्न को पूरा करने में लगा रहा और सनातन धर्म की रक्षा के लिए खुद को समर्पित कर दिया।

सिंह ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं। और राम मंदिर अमृत काल का वह सत्य है जिसे काफी समय तक अंधेरे में रखा गया। सिंह ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों से भी आग्रह किया कि राजनीतिक मतभेदों को पीछे छोड़, नफरत को पीछे छोड़ श्री राम का आगमन करे। सिंह ने कहा कि अयोध्या केवल पूजा या पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि सनातन और हिंदू धर्म के एक स्तंभ के रूप में खड़ा है, जो गरिमा, भक्ति और लोकतंत्र की सच्ची भावना का प्रतीक है।

अंत में, विकल्प सिंह माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा को राम मंदिर आंदोलन को उसके अंजाम तक ले जाने और लोगो के विश्वास को लोकतंत्र में पुनः स्थापित करने का श्रेय भी दिया। सिंह ने कहा कि जिस तरह प्राचीन काल में राजा महाराजा मंदिर का निर्माण करते थे उसी प्रकार प्रधानमंत्री भी एक योगी की भाती प्राण प्रतिष्ठा कर इस राम मंदिर का निर्माण करवा रहे है। विकल्प के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रामजन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण पूरे विश्व के लिए एक एतिहासिक और सौभाग्यपूर्ण क्षण है

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