झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का एक कमांडर मारा गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मुठभेड़ में 15 लाख रुपये का इनामी एक अन्य उग्रवादी घायल हो गया है।
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान के दौरान एक सेल्फ-लोडिंग राइफल सहित कई हथियार बरामद किए गए।
पुलिस ने बताया कि सोमवार देर रात मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना क्षेत्रों के बीच सीताचुआं इलाके के पास सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
पलामू के डीआईजी वाईएस रमेश ने पीटीआई को बताया, "पलामू में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ के बाद एक सीपीआई (माओवादी) का शव बरामद किया गया है। पहचान की प्रक्रिया जारी है।"
हालांकि, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह शीर्ष माओवादी कमांडर तुलसी भुइयां का शव है। अधिकारी ने बताया कि एक अन्य माओवादी नितेश यादव, जिस पर 15 लाख रुपये का इनाम था, गोली लगने से घायल हो गया।
हालांकि, रमेश ने कहा कि इसकी पुष्टि अभी होनी बाकी है। सुरक्षा बलों ने यहां बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया है और पिछले कुछ दिनों में तीन खूंखार माओवादियों को ढेर कर दिया गया है, जिनमें से एक सोमवार को मारा गया।
निकटवर्ती लातेहार जिले में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का सदस्य मनीष यादव, जिस पर पांच लाख रुपये का इनाम था, सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया, जबकि एक अन्य उग्रवादी को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार माओवादी कुंदन सिंह खरवार संगठन का जोनल कमांडर है और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था। उसके पास से दो एक्स-95 स्वचालित राइफलें और गोला-बारूद बरामद किया गया। मनीष और कुंदन पिछले 12 वर्षों से सीपीआई (माओवादी) में सक्रिय थे और मनीष 40 मामलों में वांछित था, जबकि कुंदन 27 मामलों में वांछित था।
ये दोनों कई घटनाओं में शामिल थे, जिनमें 7 जनवरी 2013 को बरवाडीह थाना क्षेत्र के अंतर्गत अमवतीकर टोला में हुई मुठभेड़ भी शामिल है, जिसमें 10 पुलिसकर्मी मारे गए थे और 15 घायल हो गए थे।
इससे पहले 24 मई को प्रतिबंधित झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के प्रमुख पप्पू लोहरा (जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था) और उसके सहयोगी तथा संगठन के सब-जोनल कमांडर प्रभात गंझू को एक अभियान के दौरान मार गिराया गया था।
गंझू पर पांच लाख रुपये का इनाम था। लोहरा लोहरदगा, गुमला, चतरा, पलामू और लातेहार जैसे कई जिलों में हत्या, जबरन वसूली और आगजनी सहित 98 मामलों में वांछित था, जबकि गंझू 15 मामलों में वांछित था।
दोनों कथित तौर पर सितंबर 2021 में एक ऑपरेशन के दौरान झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की हत्या में शामिल थे।