कल रात दिए गए नोटिस में चैनल से तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है कि उसके खिलाफ क्यों ना उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। नोटिस में आॅडियो टेप को मानहानिकारक बताया गया।
नोटिस में कहा गया, सात जून को रात करीब साढ़े आठ बजे दिखाए गए कार्यक्रम में सार्वजनिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली सामग्री है जिससे विधि व्यवस्था प्रभावित होगी क्योंकि कार्यर्क्रम केबल टीवी न्यूज नेटवर्क अधिनियम की धारा पांच और नियम छह का उल्लंघन करता है एवं जान बूझकर मानहानि करने वाला है, इशारों में गलत बात और आधी सच्चाई दिखाता है।
आॅडियो टेप नायडू और मनोनीत विधायक के बीच कथित बातचीत से जुड़ा है। यह बातचीत तेदेपा द्वारा तेलंगाना विधान परिषद चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन के लिए मनोनीत विधायक को लुभाने की कथित कोशिशों से जुड़ी है। मनोनीत विधायक को रिश्वत देने की कथित कोशिश के लिए तेलंगाना के तेदेपा विधायक रेवंथ रेड्डी और दो अन्य को गिरफ्तार करने के बाद हिरासत में भेज दिया गया।
आॅडियो टेप के प्रसारण के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टियों तेदेपा और टीआरएस के बीच विवाद शुरू हो गया। नोटिस को लेकर टी न्यूज चैनल के सीईओ नारायण रेड्डी ने कहा कि आंध्र पुलिस को वैज्ञानिक रूप से फुटेज की विश्वसनीयता का सत्यापन किए बिना नोटिस जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, हम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और भारतीय प्रेस परिषद के सामने शिकायत दर्ज कराएंगे। नोटिस जारी करना ही खुद में गलत है। आंध्र प्रदेश पुलिस को इस तरह का नोटिस जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। वे प्रेस की आजादी पर अंकुश नहीं लगा सकते। चैनल को थमाए गए नोटिस के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए तेलंगाना श्रमजीवी पत्रकार संघ ने कहा कि यह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अशिष्ट दृष्टिकोण है।