सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को न्यूज एंकर अमिश देवगन द्वारा सूफी संत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में नेटवर्क 18 के न्यूज एंकर अमिश देवगन के विरूद्ध दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग से इनकार कर दिया।
हालांकि, कोर्ट ने न्यूज एंकर अमिश देवगन द्वारा जांच में सहयोग करने की स्थिति में बलपूर्वक कार्रवाई करने से संरक्षण को मंजूरी दी। लेकिन, जस्टिस ए एम खानविल्कर और संजीव खन्ना की बेंच ने विभिन्न राज्यों में अमिश देवगन के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को राजस्थान के अजमेर में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है।
अमिश देवगन अपने शो आर-पार में नए तेवर की वजह से जाने जाते हैं। अपने बोलने की वजह से वो विवादों और सुर्खियों में भी बने रहते हैं। अमिश के खिलाफ राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। दरअसल, 15 जून को प्रसारित अपने प्राइम टाइम कार्यक्रम में देवगन पर सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। इसी के आधार पर उनके खिलाफ ये विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई हैं।