विमर्श: संवैधानिक लोकतंत्र है या... “दमनकारी कानूनों और पुलिस का सहारा लेकर विरोध को दबाना प्रजातंत्र के सिद्धांतों के... MAY 28 , 2022
नजरिया: सोशल मीडिया के शिकंजे में हमारे गांव “गांवों का भोलापन छीन रहे इन माध्यमों के इस्तेमाल पर नए सिरे से विचार की जरूरत” विकास एक सतत... MAY 24 , 2022
नए साम्राज्यवादी: पसर रहा है नव-उपनिवेशवाद “बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां न सिर्फ अरबों लोगों का जीवन प्रभावित कर रही हैं, बल्कि दूसरी कंपनियों और... MAY 22 , 2022
महाराष्ट्र: सीएम उद्धव ठाकरे की अग्निपरीक्षा “हनुमान चालीसा के पाठ के बहाने मातोश्री की ताकत को चुनौती देने की कोशिश, तो शिवसेना ताकत बरकरार रखने... MAY 14 , 2022
यशवंत सिन्हा का नजरिया: बुलडोजर बाबा या बुलडोजर मामा कहलाना गर्व नहीं “बुलडोजर बाबा या बुलडोजर मामा कहलाना गर्व नहीं, शर्मिंदगी का प्रतीक” आजाद भारत में यह शायद बहुत ही... MAY 13 , 2022
पंकज त्रिपाठीः प्रयोगधर्मी अभिनेता की पेशकदमी “अभिनय की भारतीय और पाश्चात्य विधियों में दक्ष देसज पंकज जैसा कुशल अभिनेता जब किसी किरदार को निभाता... MAY 06 , 2022
पंकज त्रिपाठी: बेशुमार किस्सों में भीगा अभिनेता “आस-पड़ोस में चलती-फिरती, टहलती कहानियों के बीच उन्होंने सीखी सहजता” पंकज मेरे पटना के दिनों के... MAY 04 , 2022
प्रथम दृष्टि: चुनावी गुरु “चुनावी गुरुओं की पूछ और महत्ता तब तक बनी रहेगी जब तक हर राजनीतिक दल फिर से यह नहीं समझ लेता कि अंततः... MAY 02 , 2022
कैशलेस अर्थव्यवस्था का सपना सच करने के लिए ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी जरूरी किसी देश की वृद्धि और विकास का प्रमुख सूचक अर्थव्यवस्था में सब का समावेश होता है। बहुत से देशों की... APR 20 , 2022
कुर्सियों के संग्रहालय में संग्रह करने लायक क्या? कई बार तीनमूर्ति भवन गया हूं। जवाहरलाल की स्मृतियों को हर बार कई कोणों से निहारा है। हर बार यह पछतावा... APR 19 , 2022