प्रथम दृष्टि: इतिहास और सिनेमा “जैसे सिगरेट के पैकेट पर वैधानिक चेतावनी होती है, वैसे ही क्या सेंसर बोर्ड को सिनेमा के हर प्रचार... JUN 12 , 2022
वैवाहिक बलात्कार: कानून के तर्क-वितर्क “भारत में पहले से ही महिलाओं को कानूनी रूप से काफी तरजीह दी गई है, अलग से वैवाहिक बलात्कार अपराध... JUN 11 , 2022
राजीव हत्याकांड/नजरिया: एक शब्द! “पेरारिवालन और उनकी मां राजीव गांधी की हत्या के लिए भी माफी कहतीं तो बेहतर होता” पढ़ रहा हूं कि... JUN 06 , 2022
नजरिया: स्त्री के लिए हक की बात दूर की कौड़ी, कैसे मिलेगा सहज अधिकार “भारत में फेमिनिज्म स्त्री अधिकार के लिए नहीं बल्कि अपना नाम चमकाने का जरिया है” अपने प्रचलित... JUN 01 , 2022
नजरिया: स्त्री के कंधों पर ही नैतिकता की जिम्मेदारी क्यों “जो समाज स्त्री को अपनी देह पर अधिकार नहीं देता, वह कैसे स्वीकार करेगा कि संबंध बनाने में दोनों की... MAY 31 , 2022
नजरिया: तन-तुष्टि से ज्यादा खास मन-संतुष्टि “ऑर्गेज्म की अनुभूति जितनी शारीरिक है, उससे कहीं अधिक यह सुख मानसिक संतुष्टि से जुड़ा है। देह सुख को... MAY 29 , 2022
आपबीती: ऑर्गेज्म, धमकियां, गालियां और बाद की बातें “स्त्रियों को अमूमन चरम सुख हासिल नहीं होता और अधिकांश पुरुष वर्ग इसे यूं बरतते हैं, जैसे किसी ने... MAY 29 , 2022
प्रथम दृष्टि: ये भी गर्व के हकदार “विडंबना देखिए, निकहत जरीन भले महिला मुक्केबाजी का विश्व खिताब ले आई, बैडमिंटन टीम ने पहली बार थॉमस... MAY 29 , 2022
विमर्श: संवैधानिक लोकतंत्र है या... “दमनकारी कानूनों और पुलिस का सहारा लेकर विरोध को दबाना प्रजातंत्र के सिद्धांतों के... MAY 28 , 2022
नजरिया: सोशल मीडिया के शिकंजे में हमारे गांव “गांवों का भोलापन छीन रहे इन माध्यमों के इस्तेमाल पर नए सिरे से विचार की जरूरत” विकास एक सतत... MAY 24 , 2022