जानकारी के अनुसार, मृतकों में 48 वर्षीय पुलिस अधिकारी कीथ पाल्मर भी शामिल हैं। पुलिस हमलावर से परिचित थी। हमलावर के वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर ब्रिटेन संसद परिसर के बाहर एक हुंदै आई-40 कार राहगीरों पर चढ़ाने से तीन लोगों की मौत हो गई।
इसके बाद हमलावर ने चाकू लेकर मुख्य द्वार से संसद में घुसने की कोशिश की और पुलिस अधिकारी को चाकू मार दिया। इसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने हमलावर को मार गिराया।
हमले में घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है। संसद के पास स्थित सेंट थॉमस अस्पताल के डॉक्टरों ने वहां भर्ती एक महिला को मृत घोषित किया।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय में मंत्री टोबियस एलवुड ने घायल पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए मुंह से सांस दी थी, लेकिन मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा ने इस हमले को 'बीमार और भ्रष्ट' लोगों की मानसिकता करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं उन पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों की असाधारण बहादुरी की सराहना करती हूं, जो खतरे के सामने डटे रहे। हमें अपनी पुलिस पर गर्व है।
लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि आज के आतंकवादी हमले के बावजूद लंदन दुनिया में सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है। उन्होंने कहा, 'हम उन लोगों के सामने एकजुट हैं जो हमें नुकसान पहुंचाने और हमारे जीवन के तरीके को नष्ट करने की कोशिश करना चाहते हैं। हम आतंकवाद के सामने घुटने टेकने वाले नहीं हैं।'
स्कॉटलैंड यार्ड ने लोगों से सर्तक रहने की अपील करते हुए कहा कि लंदन में पुलिस रणनीति की समीक्षा की जा रही है और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है।
आतंकवाद रोधी नीति के राष्टीय प्रमुख एवं कार्यवाहक उपायुक्त मार्क रॉवले ने हमलावर की पहचान से जुड़ी कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा, हमें लगता है कि वह अंतरराष्ट्रीय आतंक और इस्लाम संबंधी आतंकवाद से प्रेरित था। उन्होंने कहा, हम मामले की फोरेंसिक जांच कर रहे हैं।
संसद पर अन्य संभावित हमलों की आशंका के चलते की गई घेरेबंदी को अब हटा दिया गया है। ब्रिटेन में कुछ समय से खतरे का स्तर गंभीर है और पुलिस का कहना है कि वह सुरक्षा स्तर में बदलाव करने पर विचार नहीं कर रही।
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने आतंकी घटना में फंसे भारतीयों की मदद के लिए विशेष जन कार्रवाई इकाई का गठन किया है।
इस आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे से बात की और दोषियों को कानून के दायरे में लाने के लिए अपनी सरकार के पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया। व्हाइटहाउस ने दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए कहा, 'हमले की प्रतिक्रिया देने और दोषियों को कानून के दायरे में लाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने पूर्ण सहयोग की प्रतिबद्धता जताई और सरकार के पूरे समर्थन का भरोसा दिया। बातचीत में ट्रंप ने ब्रिटिश सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई की भी सराहना की।'
उधर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस हमले के बारे सुनकर वह चौंक गए थे। साथ ही इस कायरतापूर्ण हमले में मारे गए लोगों के लिए उन्हें दुख है। उन्होंने कहा, 'कनाडा और ब्रिटेन सबसे करीबी दोस्त और सहयोगी हैं। हमारी दोस्ती साझा मूल्यों और इतिहास पर आधारित है। आज ब्रिटेन की संसद पर जो हमला हुआ है वो पूरे लोकतंत्र पर हमला है। कनाडाई संसद ने ऐसे ही हमले का सामना किया, जिसने कनाडा के निवासियों को बांटने की कोशिश की थी। लेकिन कनाडा के लोग आज भी एकजुट होकर खड़े हैं। मुझे पूरा यकीन है कि ब्रिटेन के लोग भी इस मुश्किल घड़ी में एकजुट रहेंगे। भाषा