सऊदी अरब में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी अरामको के दो तेल संयंत्रों पर शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया था, जिसका बुरा असर दिख रहा है। इस हमले के बाद कच्चे तेल के दाम 12 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इतना ही नहीं माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। वहीं, इस हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब रिजर्व तेल के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।
रिजर्व तेल के इस्तेमाल को ट्रंप की मंजूरी
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है, ‘सऊदी अरब की कंपनी अरामको पर हमले के बाद तेल की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है। मैंने बाजारों को अच्छी आपूर्ति रखने के लिए रिजर्व तेल के इस्तेमाल को मंजूरी दी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने सभी उपयुक्त एजेंसियों को टेक्सास और अन्य राज्यों में वर्तमान में तेल पाइपलाइनों के अनुमोदन में तेजी लाने के लिए कहा है।’
तेल कंपनी अरामको के दो संयंत्रों पर शनिवार को ड्रोन से हमला
सऊदी में तेल कंपनी अरामको के दो संयंत्रों पर शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया था। यमन के विद्रोहियों की तरफ से यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब यह कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने को लेकर तैयारी कर रही है। इस हमले के बाद आधे से ज्यादा तेल उत्पादन प्रभावित हुआ है।
पहले भी इसे निशाना बनाते रहे हैं आतंकवादी
बता दें कि अरामको के धहरान मुख्यालय से 60 किलोमीटर दक्षिणपश्चिम में स्थित अब्कैक संयंत्र कंपनी के सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण संयंत्र का गढ़ है। पहले भी आतंकवादी इसे निशाना बनाते रहे हैं। अल-कायदा के आत्मघाती विस्फोटकों ने फरवरी 2006 में इस तेल कंपनी पर हमला करने की कोशिश की थी लेकिन वे नाकाम रहे थे।
हमलों के कारण बंद रहेगा प्रति दिन 57 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अरामको कंपनी के दो संयंत्रों में उत्पादन का काम अस्थायी तौर पर रोक दिया गया है। यमन विद्रोहियों के हमले के बाद कंपनी का कम से कम आधा उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि इससे कुल उत्पादन 50 फीसदी तक प्रभावित होगा। वहीं, सरकारी तेल कंपनी अरामको ने एक बयान में कहा, ‘इन हमलों के कारण प्रति दिन 57 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन बंद रहेगा’।