अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना में सेवारत ट्रांसजेंडर्स ट्रूप्स पर बैन लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ खास को इस निर्णय से छूट दी गई है। सीएनबीसी की एक खबर के मुताबिक, रक्षा सचिव जिम मैटिस ने इस नीति को लेकर शुक्रवार रात को मेमोरेंडम जारी किया। मेमोरेंडम के मुताबिक, 'सीमित परिस्थितियों को छोड़कर सेना में ट्रांसजेंडर्स को अयोग्य करार दे दिया गया है।'
ट्रंप ने जो मेमोरेंडम साइन किया है, उसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर्स का इतिहास रहा है कि वह एक प्रकार की बीमारी से पीड़ित होते हैं और उन्हें सही उपचार की जरूरत होती है। इस उपचार में दवाईओं से लेकर सर्जरी जैसे विकल्प शामिल हैं। ऐसे में इन्हें मिलिट्री सर्विस के अयोग्य माना जाता है लेकिन कुछ तय स्थितियों में ट्रांसजेंडर्स काम करते रहेंगे। मेमोरेंडम में कहा गया है कि रक्षा मंत्री और होमलैंड सिक्योरिटी के मुखिया मिलिट्री सर्विसेज की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सही तरीके से इस नीति को लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं।
व्हाइट हाउस का कहना है कि इस नई नीति के तहत मिलिट्री चुस्त मानसिक हालत और फिजिकल फिटनेस वाले लोगों को सेवाओं में लेने के लिए समर्थ हो सकेगी। इसकी वजह से हर व्यक्ति को मिलिट्री में शामिल हो सकेगा और उसे देश के लिए लड़ने का मौका मिल सकेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल जुलाई में सेना में ट्रांसजेंडर्स पर बैन की बात करते हुए ट्वीट किया था। इसके बाद से ये मामला अदालत में चल रहा है। नवंबर में मिलिट्री में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती को लेकर कई फेडरल अदालतों ने ट्रंप के शुरुआती प्रतिबंध पर रोक लगा दिया था। बता दें, इससे पहले भी राष्ट्रपति ट्रंप सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती पर बैन की मांग करते रहे हैं।
ओबामा लेकर आए थे योजना
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा एक योजना लेकर आए थे जिसके बाद से ट्रांसजेंडर्स की सेना में भर्ती शुरू हो गई थी लेकिन ओबामा सरकार जाने के बाद ट्रंप ने इस पॉलिसी के विरोध में ट्रांसजेडर्स की सेना में भर्ती पर रोक लगा दी। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है क्योंकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के वक्त ट्रंप ने ट्रांसजेंडर्स और गे राइट्स के लिए काम करने का वादा किया था।