भारत की चीन के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक के बाद अब अमेरिका भी इसी तर्ज पर चीन के खिलाफ एक्शन की तैयारी में है। चीन के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक और वीचैट जैसी लोकप्रिय चीनी ऐप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार शाम को चीनी ऐप टिकटॉक और वीचैट को 45 दिन के अंदर बैन किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे पहले सीनेट ने एकमत से अमेरिकी कर्मचारियों के टिकटॉक इस्तेमाल नहीं करने वाले आदेश को अपनी अनुमति दी थी। बैन के आदेश पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने कहा कि यह बैन जरूरी है क्योंकि 'अविश्वसनीय' ऐप जैसे टिकटॉक से डेटा का इकट्ठा किया जाना देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
बता दें कि भारत टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश है। भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यह प्रतिबंध लगाया था। भारत ने 106 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत के इस कदम का ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी सांसदों ने स्वागत किया था।
डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा, 'डेटा के कलेक्शन से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अमेरिकी लोगों के निजी और स्वामित्व संबंधी जानकारी तक पहुंच हो जाती है। इससे चीन अमेरिका के संघीय कर्मचारियों और ठेकेदारों के स्थानों को ट्रैक करनी की अनुमति मिल जाती है। यही नहीं कम्युनिस्ट पार्टी निजी सूचनाओं का ब्लैकमेल के लिए डोजियर बना सकती है और कॉर्पोरेट जासूसी भी कर सकती है।'
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा था कि वह अमेरिकी कार्रवाई को चीनी तकनीकी से निजी ऐप तक बढ़ा रहे हैं। उन्होंने टिकटॉक और वीचैट का नाम भी लिया था। भारत में पहले ही सभी तरह के संदिग्ध चीनी ऐप पर पहले ही बैन लग गया है।
चीन से जुड़ी कंपनियों पर भारत सरकार की डिजिटल स्ट्राइक
बता दें कि चीन से जुड़ी कंपनियों पर भारत सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक की थी। भारत, अब तक चीन की लगभग 106 ऐप पर प्रतिबंध लगा चुका है। भारत सरकार ने पहले तो चीन के 59 ऐप को बैन किया, जिनमें टिक टॉक भी शामिल है। इसके बाद 47 और ऐप पर प्रतिबंध लगाया। बाद में बैन किए गए ऐप्स में ज्यादातर क्लोनिंग वाले ऐप्स शामिल थे।