अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर आने के लिए बेताब है। उन्होंने अपने अकाउंट की बहाली के लिए अदालत में गुहार लगाई है। ट्रंप ने फ्लोरिडा में फेडरल जज के सामने अपील की है कि उनके अकाउंट को फिर शुरू करने की इजाजत दी जाए जो जनवरी में कैपिटल हिल वाली घटना के बाद से बंद है।
6 जनवरी को हुई कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) हिंसा के बाद से ही ट्रंप के ट्विटर अकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद अन्य सोशल मीडिया कंपनियों ने भी ऐसा ही किया और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के विरुद्ध कार्रवाई की।
अब फ्लोरिडा के कोर्ट में ट्रंप ने ट्विटर के इस कार्रवाई के विरुद्ध आदेश देने के लिए एक अनुरोध दायर किया है, जिसमें तर्क दिया गया है कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने ट्विटर को उनका अकाउंट निलंबित करने के लिए मजबूर किया था। उनके वकीलों का दावा है कि ट्विटर देश की सियासत में शक्ति और नियंत्रण का उपयोग कर रहा है, जिसकी कोई सीमा नहीं है। यह लोकतंत्र पर बहस के लिए भी बेहद खतरनाक है। जुलाई में डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर, फेसबुक और गूगल के साथ-साथ उनके मुख्य कार्यकारी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई गैरकानूनी है।
इधर, ट्विटर ने मामले में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया है।
कोर्ट में दाखिल अनुरोध में ट्रंप ने कहा है कि ट्विटर ने तालिबान को नियमित रूप से ट्वीट करने की इजाजत दी हुई है, मगर अपने राष्ट्रपति पद के दौरान भी उनके ट्वीट को ‘भ्रामक सूचना’ बताया गया और यह संकेत दिया कि उन्होंने कंपनी के ‘हिंसा का महिमामंडन’ के विरुद्ध जारी नियमों का उल्लंघन किया है।
बता दें कि ट्विटर ने इस साल 8 जनवरी को अपने ब्लॉगपोस्ट में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के हालिया ट्वीट्स की बारीकी से समीक्षा करने के बाद कंपनी ने ‘हिंसा को उकसाने’ के खतरे के कारण उनके अकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया है।