अमेरिका की दक्षिण एशिया रणनीति के तहत आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के सहयोग से अमेरिका संतुष्ट नहीं है और उसे अब भी यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को ‘‘रोकने’’ के लिए कोई कदम उठा रहा है। ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
मुंबई-आतंकवादी हमले के आरोपी हाफिज सईद की रिहाई को उन्होंने इस दिशा में एक ‘‘एक कदम पीछे’’ बताया। अधिकारी ने कहा कि पांच साल हक्कानी नेटवर्क की बंधक में रहे कोलमैन परिवार का पाकिस्तान के भीतर से रिहा होना, पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के सहयोग का कोई संकेत नहीं है।
अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘कूटनीतिक दबाव के साथ खुफिया एजेंसियों के अनवरत काम के चलते कोलमैन परिवार रिहा हो पाया। इसलिए मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह कार्य इस दिशा में (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अगस्त में घोषित दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान द्वारा किया गया कार्य) एक कदम आगे है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि कोलमैन अब मुक्त हैं और उन्हें रिहा कर दिया गया है। लेकिन हमें अब भी यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को रोकने के लिये कदम उठा रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने जो कुछ भी किया है उससे हम संतुष्ट नहीं हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर अमेरिका का अब अलग दृष्टिकोण है। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकी पनाहगाह के खिलाफ कदम उठायेगा।''