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9/11 की बरसी पर काबुल में अमेरिकी दूतावास में धमाका, 18 साल में भी नहीं सुधरे हालात

अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले की बरसी से ठीक पहले अफगानिस्तान स्थित उसके दूतावास पर...
9/11 की बरसी पर काबुल में अमेरिकी दूतावास में धमाका, 18 साल में भी नहीं सुधरे हालात

अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले की बरसी से ठीक पहले अफगानिस्तान स्थित उसके दूतावास पर रॉकेट का धमाका हुआ। हालांकि इसमें किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। अमेरिका में लोग अपनों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। न्यूयॉर्क में लोग बड़ी संख्या में ग्राउंड जीरो पर एकत्रित हो सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत तमाम नेता भी विभिन्न कार्यक्रमों में मरने वालों को याद करेंगे। अमेरिका इस आतंकी हमले के 18 साल बाद भी अफगानिस्तान में हालात को सामान्य नहीं कर पाया है। रॉकेट का धमाका यही दर्शाता है। हाल में काबुल में आतंकी हमले में तालिबानों का हाथ सामने आने के बाद अमेरिका शांति वार्ता भी खत्म करने को बाध्य हो गया। इससे अफगानिस्तान से निकलने का अमेरिका का रास्ता भी उलझ गया है।

दूतावास के परिसर में रॉकेट का धमाका

बीती मध्य रात्रि को सेंट्रल काबुल में धुंआ का गुबार दिखाई दिया और सायरन बजने लगे। अमेरिकी दूतावास के भीतर कर्मचारियों को लाउडस्पीकर पर एक संदेश सुनाई दिया कि परिसर में रॉकेट का धमाका हुआ है। धमाके के तुरंत बाद अफगानिस्तानी अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है। अमेरिकी दूतावास के निकटवर्ती नाटो मिशन ने बताया है कि धमाके में कोई घायल नहीं हुआ है।

वार्ता टूटने के बाद काबुल में पहला धमाका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तालिबान के साथ वार्ता खत्म किए जाने के बाद अफगानी राजधानी यह पहला बड़ा हमला है। वार्ता टूटने से अमेरिका का अब  तक युद्ध खत्म करने के लिए समझौता बिखरने का खतरा पैदा हो गया है। पिछले सप्ताह तालिबान ने काबुल को दो कार बम धमाके किए थे। जिसमें नाटो के दो सैनिकों सहित कई लोग मारे गए थे। ट्रंप ने वार्ता खत्म करने की वजह इस धमाके में एक अमेरिकी सैनिक की मौत को बताया था।

काबुल में 9/11 अत्यंत संवेदनशील दिन

9/11 की बरसी काबुल में अत्यंत संवेदनशील दिन होता है। इसी आतंकी हमले के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाली नाटो देशों की सेनाओं ने अफगानिस्तान से तालिबान को उखाड़ फेंका था। आतंकी हमले का मास्टरमाइड अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन यहीं छिपा था।

ग्राउंड जीरो पर श्रद्धांजलि देंगे अमेरिकी

उधर, अमेरिका में लोग 9/11 की याद में प्रार्थना सभाएं और कार्यक्रम कर रहे हैं और इस घटना को कभी न भूलने की अपीलें कर रहे हैं। आतंकी हमले में शिकार हुए लोगों के परिजन और मित्र बुधवार को अपनों को श्रद्धांजलि देने के लिए ग्राउंड जोरी बड़ी संख्या में एकत्रित हो सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पेंटागन में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उप राष्ट्रपति माइक पेंस पेंसिलवेनिया में शेंकविले के निकट तीसरे घटना स्थल पर लोगों को संबोधित करेंगे। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश भी पेंटागन में श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।

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