अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के जज रुथ बादर गिंसबर्ग के निधन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से जज एमी कोनी बैरेट के नाम की पेशकश पर विचार किया जा रहा है। ट्रंप ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के लिए नामित सदस्य के नाम का ऐलान शनिवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में करेंगे।
वर्तमान में 48 वर्षीय बैरेट सातवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में जज हैं। इसके लिए भी उनके नाम का प्रस्ताव ट्रंप ने ही 2017 में दिया था। अमेरिकी सीनेट में उनके नाम पर 55-43 वोट मिले थे। हालांकि मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि नाम के ऐलान तक ट्रंप अपनी योजना में बदलाव भी कर सकते हैं। द हिल न्यूजपेपर के अनुसार, बैरेट यहां के ईसाईयों की भी पसंद हैं। बैरेट के पास रिपब्लिकन सीनेटर का मजबूत समर्थन है।
एमी का सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति होने से यहां गर्भपात कानून में बदलाव की मांग वाले आंदोलन पर फर्क पड़ सकता है। महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं दिवंगत जस्टिस गिन्सबर्ग की जगह भरना उनके लिए आसान नहीं होने वाला। एमी को अच्छा लेखक भी माना जाता है। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने दलीलें दी हैं। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी का करीबी होना उनके लिए क्या लेकर आएगा, ये कहना फिलहाल मुश्किल है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त यदि इनकी राय 4-4 में विभाजित हो जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है और जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा।
सुप्रीम कोर्ट के लिए नामांकन काफी लाभकारी है क्योंकि यहां जजों की नियुक्ति लाइफटाइम के लिए होती है और अन्य कोर्टों से अलग यहां के जजों का कोई रिटायरमेंट उम्र नहीं होता। ट्रंप की ओर से इस नाम के पेशकश पर डेमोक्रेट की ओर से कड़ी आपत्ति जताई जा रही है। डेमोक्रेट के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा है कि इस पद के लिए नामांकन 3 नवंबर के चुनावों के विजेता द्वारा किए जाने की जरूरत है।