Advertisement

भारत-चीन-रूस की नज़दीकी पर ट्रंप के करीबी का हमला, पीएम मोदी पर दिया विवादित बयान

भारत चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती अमेरिका की नाक में दम किए हुए है। इसी बीच, व्हाइट हाउस के व्यापार...
भारत-चीन-रूस की नज़दीकी पर ट्रंप के करीबी का हमला, पीएम मोदी पर दिया विवादित बयान

भारत चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती अमेरिका की नाक में दम किए हुए है। इसी बीच, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने सोमवार को चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक को लेकर भारत पर फिर हमला बोला है।

पत्रकारों से बात करते हुए नवारो ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि यह "एक सत्तावादी के साथ बिस्तर पर जाना" है, तथा उन्होंने इस बैठक को शर्मनाक बताया।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को रूस की नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन की जरूरत है। उन्होंने नई दिल्ली से मास्को से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदना बंद करने का आग्रह किया।

पीटर नवारो ने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी को दुनिया के दो सबसे बड़े तानाशाहों - पुतिन और शी जिनपिंग - के साथ गठजोड़ करते देखना शर्मनाक है। इसका कोई मतलब नहीं है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि वह क्या सोच रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वह इस बात को समझेंगे कि उन्हें रूस के साथ नहीं, बल्कि हमारे साथ, यूरोप और यूक्रेन के साथ रहना चाहिए।"

इससे पहले व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार ने भारत के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी, जो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच तियानजिन में द्विपक्षीय बैठक के तुरंत बाद की गई थी।

नवारो ने कहा था, "तो, देखिए, मोदी एक महान नेता हैं। लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि वो पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों घुल-मिल रहे हैं। जबकि वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं। मैं भारतीय लोगों से बस इतना ही कहूँगा कि कृपया समझिए कि यहाँ क्या हो रहा है। ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफ़ा कमा रहे हैं। हमें इसे रोकना होगा।" 

नवारो की यह टिप्पणी वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है, क्योंकि भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, जिसमें रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत जुर्माना भी शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ में अपने संबोधन में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सदस्यों के बीच संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मजबूत संपर्क से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलता है बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खुलते हैं।"

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि एससीओ के भीतर संवाद से एक नई यूरेशियन सुरक्षा प्रणाली की नींव रखने में मदद मिलेगी, जो पुराने यूरोसेंट्रिक और यूरो-अटलांटिक मॉडलों की जगह लेगी।

पुतिन ने कहा, "एससीओ अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के समाधान में अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है। एससीओ देशों के बीच व्यापार के आपसी समझौतों में राष्ट्रीय मुद्राओं का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। एससीओ के भीतर सहयोग के विकास की गति प्रभावशाली है।"

इसके अतिरिक्त, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 25वीं बैठक को संबोधित करते हुए शंघाई सहयोग संगठन से निष्पक्षता और न्याय को बनाए रखने का आह्वान किया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad