अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनावी साल में बड़ी जीत मिली है। अमेरिकी सीनेट ने महाभियोग के मुकदमे में ट्रंप को बरी कर दिया है। करीब दो हफ्ते तक चले ट्रायल के बाद अमेरिकी सीनेट से राष्ट्रपति ट्रंप को सभी आरोपों में क्लीन चिट मिली। बता दें कि ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस को बाधित करने का आरोप था जिनसे अब उन्हें अमेरिका की सीनेट ने बरी कर दिया।
बता दें कि बुधवार को हुए ऐतिहासिक मतदान में सीनेट ने राष्ट्रपति ट्रंप को पद से न हटाने का निर्णय लिया है। उन पर यूक्रेन के साथ संबंधों में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने के आरोप लगे थे। जिसके बाद डेमोक्रेट पार्टी के नेतृत्व वाली हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (अमरीकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा) ने 18 दिसंबर को महाभियोग को मंजूरी दे दी थी।
रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट ने डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में 52-48 के अंतर से बरी किया। वहीं कांग्रेस (संसद) की कार्रवाई बाधित करने के आरोप में 53-47 वोट के अंतर से आरोप मुक्त घोषित किया। दोनों ही आरोपों पर सीनेटर्स ने अमेरिकी चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स की अध्यक्षता में सीनेट के फ्लोर पर एक-एक करके मतदान किया। सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के पास जहां सीनेट में 53 सीटें हैं, वहीं डेमोक्रेट्स के पास 47 सीटें हैं।
जानिए राष्ट्रपति ट्रंप पर क्या था आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग किया है। उन पर आरोप था कि उन्होंने पद पर रहते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति को दो डेमोक्रेट नेताओं के खिलाफ जांच के लिए दबाव डलवाया।
इसी साल होने हैं चुनाव
इसी साल नवंबर में अमरीका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। महाभियोग का सामना करने के बाद चुनाव लड़ने वाले ट्रंप देश के पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। यदि ट्रंप पर लगा कोई भी आरोप सिद्ध हो जाता तो उन्हें अपना कार्यभार उप-राष्ट्रपति माइक पेंस को सौंप कर पद से त्याग पत्र देना पड़ता।
ट्रंप से पहले इन दो राष्ट्रपतियों के खिलाफ भी चल चुकी है महाभियोग की कार्यवाही
ट्रंप से पहले अमेरिका के दो और राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई है। ट्रंप से पहले राष्ट्रपति-1868 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन भी महाभियोग से बरी हो गए थे। हालांकि अमेरिका के 243 साल के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद पद से हटाया नहीं गया। इसके लिए 100 सदस्यीय सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।