आखिरकार हफ्तों तक चले संघर्ष के बाद अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा लगभग तय हो चुका है। सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया भी शुरू हो गई है। अली अहमद जलाली को नए अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। अली अहमद अफगानिस्तान के जर्मनी के लिए राजदूत रह चुके हैं। राजनीति और कूटनीति में उनका एक लंबा अनुभव रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती ताकत की वजह से दहशत का माहौल बना हुआ है। ऐसे में अब जब देश तालिबान जैसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है, तब देश की बागडोर कुछ समय के लिए अली अहमद जलाली के हाथों में दी जा रही है।
देश में अंतरिम सरकार का गठन होने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी कुछ ही देर में इस्तीफा दे देंगे। देश के कार्यकारी गृहमंत्री पहले ही बयान दे चुके हैं कि तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपी जाएगी जिसके बाद से सरकार गिरने की अटकलें लग रही थीं।
अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता के ‘‘हस्तांतरण’’ की तैयारी के लिए राष्ट्रपति के आवास जा रहे हैं। अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर रविवार को बताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपना है। तालिबान ने कहा कि उनकी ताकत के बल पर सत्ता लेने की योजना नहीं है।
इससे पहले न्यूज एजेंसी असोसिएटेड प्रेस ने बताया था कि तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी को चारों तरफ से घेर लिया है और धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि लड़ाकों को अभी शहर के गेट्स पर खड़े रहने के निर्देश दिए गए हैं और अंदर दाखिल होने से मना किया गया है। अमेरिका और नाटो बलों की देश से वापसी के साथ ही तालिबान की रफ्तार तेज हो गई थी और अब राजधानी उनके चंगुल में फंस चुकी है।
तालिबानी प्रवक्ता के मुताबिक फिलहाल इस्लामिक एमारेट्स के लड़ाके राजधानी से बाहर ही रहेंगे और जब तक सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती वे अंदर दाखिल नहीं होंगे। इस दौरान काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सरकार के हाथ है।
राष्ट्रपति अशरफ गनी के चीफ ऑफ स्टाफ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लोगों से अपील की है कि परेशान न हों, कोई चिंता की बात नहीं है और काबुल में स्थिति नियंत्रण में है। कार्यकारी गृहमंत्री अब्दुल सत्तार मिर्काजवाल ने कहा है कि काबुल पर हमला नहीं होगा और सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से होगा। उन्होंने कहा कि शहर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान का दावा है कि सभी नागरिकों का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। उन्होंने यहां तक कहा है कि सेना को भी जवाब नहीं दिया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता ने अपने बयान में 'सबको माफ' करने की बात कही है लेकिन लोगों को सलाह दी है कि अपने घरों में ही रहें। वहीं, नागरिकों के हवाले से दावा किया गया है कि कुछ जगहों पर लड़ाके आगे बढ़ने लगे हैं।
इससे पहले देखा गया था कि जलालाबाद पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिकी दूतावास में हलचल तेज हो गई थी। अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। यह भी खबरें सामने आई हैं कि अधिकारियों ने यहां संवेदनशील दस्तावेज जलाने शुरू कर दिए।