जाने माने भारतीय-अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने कहा है कि अरबपति गौतम अदाणी पर लगे आरोपों को डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद यदि ‘‘बेबुनियाद या दोषपूर्ण’’ पाया जाता है तो भारतीय कारोबारी के खिलाफ 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के रिश्वत मामले को वापस लिए जाने की संभावना बरकरार है।
अटॉर्नी रवि बत्रा ने ‘पीटीआई’ से कहा कि हर नए राष्ट्रपति के पास एक नयी टीम होती है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर ‘‘किसी भी ऐसे अभियोजन को निष्प्रभावी कर देंगे जो सद्भावना के विपरीत ‘विरोधी को निशाना बनाने के लिए कानून का सहारा लेने’ पर आधारित है।’’
बत्रा ने कहा, ‘‘कानून का अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए चुनिंदा रूप से इस्तेमाल करना हमारे संघीय संविधान द्वारा दी गई ‘कानून के समान संरक्षण’ की गारंटी के लक्ष्य को स्वाभाविक रूप से नकारता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे गौतम अदाणी अपनी सरकार के साथ उठा सकते हैं और उससे अनुरोध कर सकते हैं कि वह इसे आगामी ट्रंप प्रशासन के साथ द्विपक्षीय रूप से उठाएं।’’
ट्रंप 20 जनवरी, 2025 को 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।
बत्रा ने कहा, ‘‘यदि आपराधिक या दीवानी आरोपों को बेबुनियाद या दोषपूर्ण माना जाता है तो राष्ट्रपति ट्रंप का नया न्याय मंत्रालय और एसईसी (प्रतिभूति और विनिमय आयोग) आपराधिक और दीवानी मामलों को वापस ले सकते हैं।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि अदाणी के खिलाफ रिश्वतखोरी का आरोप अमेरिकी कानूनों के देश के बाहर लागू होने का मुद्दा भी उठाता है, क्योंकि भारतीय उद्योगपति और मामले के अन्य आरोपी यहां नहीं रहते हैं।
अमेरिकी प्राधिकारियों ने गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी सहित सात अन्य लोगों पर 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है।