वैश्विक शांति सूचकांक (ग्लोबल पीस इंडेक्स) 2019 में भारत 5 नंबर नीचे खिसक कर 141 नंबर पर पहुंच गया है। इस लिस्ट में 163 देश शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियन थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर इकॉनमिक एंड पीस की रिपोर्ट के अनुसार, आइसलैंड सबसे शांतिपूर्ण देश है वहीं अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान पर है। देश में शांति के रैंक को मापने के लिए मुख्य रूप से सामाजिक सुरक्षा का स्तर, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय सीमा विवाद, मिलिटराइजेशन के तीन पैमानों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 23 अन्य इंडिकेटर भी इसे मापने में शामिल हैं। 2019 की सूची में 86 देशों में शांति की स्थिति सुधरी है जबकि 76 देशों में बिगड़ी है।
भारत से ज्यादा शांतिपूर्ण बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका
आइसलैंड 2008 से ही सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है। वहीं सीरिया को पीछे छोड़ अब अफगानिस्तान दुनिया का सबसे कम शांति वाला देश है। साउथ एशिया में भूटान 15 वें स्थान पर है उसके बाद श्रीलंका 72 नंबर पर, नेपाल 76 नंबर पर और बांग्लादेश 101 नंबर पर है। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस लिस्ट में भारत से नीचे यानी 153 नंबर पर है।
सबसे शांत 5 देशों में आइसलैंड के बाद न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और डेनमार्क का स्थान है। सबसे अशांत 5 देशों में अफगानिस्तान के बाद सीरिया, दक्षिणी सूडान, यमन, इराक का नाम है।
सैन्य खर्च में भारत टॉप 5 में
भारत, अमेरिका, चीन, सऊदी अरब और रूस सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले टॉप 5 देश हैं। भारत का सैन्य खर्च 66.5 अरब डॉलर है और वह चौथे स्थान पर है।
प्राकृतिक आपदा को लेकर भारत 7वें स्थान पर
भारत को फिलीपींस, जापान, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम और पाकिस्तान के साथ उन देशों की श्रेणी में रखा गया है, जहां जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरे ज्यादा हैं। प्राकृतिक आपदा के मामले में भारत को सबसे ज्यादा खतरे वाले देशों में 7वें स्थान पर रखा गया है।
2008 से वैश्विक शांति में 3.78 फीसदी की कमी
पिछले 5 सालों में वैश्विक शांति में पहली बार सुधार हुआ है लेकिन दस साल पहले की तुलना में विश्व कम शांतिपूर्ण है। इस साल के रिपोर्ट में नया रिसर्च शामिल है जो कि क्लाइमेट चेंज से शांति पर प्रभाव डालने से जुड़ा है। 2008 से ग्लोबल पीसफुलनेस (विश्व शांति) में 3.78 परसेंट की कमी आई है। ग्लोबल पीस इंडेक्स (जीपीआई) की स्थापना स्टीव किलील ने किया था जो कि ऑस्ट्रेलिया के टेक्नोलॉजी क्षेत्र के आंत्रप्रेन्योर हैं।