पाकिस्तान में एक लाहौर हाई कोर्ट ने बुधवार को मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद को अगले आदेश तक गिरफ्तार या नजरबंद नहीं किए जाने का सरकार को आदेश दिया। लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान की संघीय सरकार और पंजाब सरकार को जारी एक आदेश में कहा, जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज सईद को अगले आदेश तक न तो गिरफ्तार किया जाए, न ही घर में नजरबंद किया जाए।
#Lahore HC restrains Pak government from arresting #HafizSaeed
— ANI Digital (@ani_digital) March 7, 2018
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‘डॉन’ ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, सईद ने अपनी संभावित गिरफ्तारी के खिलाफ 23 जनवरी को अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उसने दलील दी थी कि सरकार अमेरिका और भारत के कथित दबाव में उसे गिरफ्तार करना चाहती है। उसकी याचिका पर विचार करने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को उसे गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया।
इससे पहले कोर्ट ने सईद के आरोपों पर संघीय सरकार और पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। लेकिन दोनों सरकारें जवाब दाखिल करने में विफल रहीं। बुधवार की सुनवाई में उन्होंने इसके लिए और समय दिए जाने की मांग की। आदेश का पालन करने में सरकारों के विफल रहने पर निराशा जताते हुए न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान ने दोनों सरकारों के वकीलों को 4 अप्रैल तक अपना जवाब देने का आदेश दिया।
पंजाब सरकार ने फरवरी माह में रावलपिंडी में जेयूडी द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं और मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। यह कार्रवाई जनवरी में संयुक्त राष्ट्र के एक उच्चस्तरीय प्रतिबंध दल के दौरे के बाद की गई थी। यह दल संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए गए समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा करने के लिए यहां पहुंचा था। हालांकि इन कार्रवाइयों के बावजूद सईद बेरोकटोक सक्रिय रहा।
पाकिस्तान सरकार ने बीते साल जनवरी से सईद और उसके चार साथियों को चरमपंथ विरोधी कानून के तहत 90 दिनों के लिए हिरासत में लिया था। बाद में उन्हें नजरबंद कर दिया गया। लेकिन अदालती समीक्षा बोर्ड ने सरकार के पर्याप्त सबूत पेश नहीं करने को आधार बनाकर सईद को रिहा करने का आदेश जारी किया, जिससे नवंबर में वह रिहा हो गया।